अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का गठन हो चुका है।  इन दिनों जितनी चर्चा तालिबान की हो रही है, उतनी ही चर्चा पाकिस्तान के बारे में है।  तालिबान के आने के बाद खुशियां मना रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने चेतावनी दे दी है। 

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि पाकिस्तान से उसके रिश्ते इस बात पर निर्भर करेंगे कि तालिबान के साथ उसके संबंध कैसे होने वाले हैं। आने वाले दिनों में अमेरिका पाकिस्तान के साथ रिश्ते को लेकर समीक्षा करेगा।  

ब्लिंकन ने इस दौरान अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी को भी सराहा।  उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदगी से अफगान में पाकिस्तान की नुकसानदेह गतिविधियों पर असर जरूर हुआ है। 

अफगानिस्तान के घटनाक्रम के संबंध में अमेरिकी संसद के दोनों सदनों में सुनवाई होनी है।  ब्लिंकन सोमवार को संसद की विदेश मामलों की समिति के समक्ष पेश हुए।  उन्हें सीनेट की विदेश संबंध समिति के समक्ष मंगलवार को पेश होना है। 

अफगानिस्तान में चीन की भूमिका पर अमेरिका पहले ही कह चुका है कि चीन ने अपनी समस्याओं पर निजात पाने के लिए फैसले किया है।  अब पाकिस्तान के बारे में अमेरिका का कहना है कि इमरान खान सरकार के हितों में बहुलता है, पाकिस्तान कई मानदंडों के साथ अपने रिश्ते की व्याख्या करता रहा है, लेकिन हम उन संबंधों की समीक्षा करेंगे। 

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के हट जाने के बाद हुई पहली सार्वजनिक सभा में एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान के ऐसे कई फायदे हैं, जो हमारे लिए दिक्कत पैदा कर सकते हैं।  उन्होंने कहा, पाकिस्तान अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर लगातार दो नाव की सवारी कर रहा है।  वह तालिबानियों को पाल रहा है और दूसरी तरह आतंकवाद विरोधी कई गतिविधियों में हमारा भी सहयोग कर रहा है। 

इस दौरान वहां मौजूद सांसदों ने सवाल किया कि क्या अमेरिका को अब पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को लेकर फिर से विचार करना चाहिए? इस पर ब्लिंकन ने कहा, ‘प्रशासन जल्द ही ऐसा करेगा।  

आने वाले हफ्तों में हम कई चीजों पर विचार करेंगे- पाकिस्तान ने पिछले 20 साल में जो भूमिका निभाई है उस पर और आने वाले हफ्तों में हम उसे जो भूमिका निभाते हुए देखना चाहते हैं उस पर भी. इस बात भी विचार करेंगे कि ऐसा करने के लिए क्या कुछ करने की जरूरत पड़ेगी।