रूस के साथ भारत के हमेशा से ही अच्छे रिश्ते रहें है। दोस्ती के रूप में यह रिश्ता और ज्यादा गहरा तब हो गया जब रूस ने अमेरिका की धमकी को दरकिनार कर भारत से कह दिया की "जो भारत चाहेगा वह रूस सप्लाई करेगा "। इस ऐलान से यह साबित होता है कि रूस भारत के साथ कभी भी दुश्मनी नहीं कर सकता है। दरअसल में, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हाल ही में एक बयान जारी किया है।


Sergey Lavrov ने कहा है कि हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं, जो वह हमसे खरीदना चाहता है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। लावरोव ने कहा कि रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से जब पूछा गया कि क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा? लावरोव ने कहा कि "मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा। वे (अमेरिका) दूसरों को अपनी राजनीति का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं "।

यूक्रेन में युद्ध नहीं बल्कि चला रहे हैं विशेष ऑपरेशन
यूक्रेन में युद्ध के विकास के बारे में पूछे जाने पर लावरोव ने कहा कि " आपने इसे युद्ध कहा जो सच नहीं है। यह एक विशेष ऑपरेशन है, सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है। हमारा उद्देश्य कीव शासन को रूस के लिए किसी भी खतरे को पेश करने की क्षमता के निर्माण से वंचित करना है "।

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लावरोव से पूछा गया कि वे सुरक्षा चुनौतियों के मामले में भारत का समर्थन कैसे कर सकते हैं? लावरोव ने जवाब दिया कि बातचीत उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं। संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं। यह वह आधार था जिस पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।


रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि " मेरा मानना ​​है कि भारतीय विदेश नीतियों की विशेषता स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। रूसी संघ में आधारित समान नीति और यह हमें बड़े देशों, अच्छे दोस्त और वफादार भागीदार बनाती है "।