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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने चीन की बढ़ती आक्रामकता के खिलाफ संयुक्त रणनीति अपनाने का फैसला किया है। अमेरिका की यात्रा पर वाशिंगटन आए प्रधानमंत्री सुगा ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात की। राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद बाइडन की किसी विदेशी शासनाध्यक्ष के साथ यह पहली भेंट थी। दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान चीन का मुद्दा प्रमुखता से उठा।
बाइडन अपने पूर्ववर्ती रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय अमेरिका के अन्य देशों के साथ कमजोर पड़ गए गठबंधन को फिर से मजबूत करना चाहते हैं। दोनों नेताओं द्वारा जारी संयुक्त बयान में कई अहम भूराजनीतिक मुद्दों का जिक्र किया गया है। इसमें ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता पर भी बल दिया गया है। इस बयान को चीन के लिए झटका माना जा रहा है।
बैठक के बाद व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए बाइडन ने कहा, प्रधानमंत्री सुगा और मैंने अमेरिका-जापान गठबंधन और अपनी साझी सुरक्षा के प्रति अपना समर्थन दोहराया। पूर्वी चीन सागर, दक्षिणी चीन सागर और उत्तर कोरिया समेत चीन की चुनौतियों का मिलकर सामना करने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव, जलवायु परिवर्तन और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के उपायों पर भी चर्चा की। सुगा से मुलाकात के बाद अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी कहा कि अमेरिका और जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे।
राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री सुगा ने स्वतंत्र, मुक्त और विविधता भरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए क्वाड को मजबूत बनाने पर सहमति जताई है। इसके लिए दोनों देश भारत और आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों नेताओं की बैठक के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति और समृद्धि पर चीनी गतिविधियों के असर का भी मुद्दा उठा। दोनों नेताओं के संयुक्त बयान में कहा गया है कि क्वाड के जरिये हम भारत और आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। बताते चलें कि क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया का गठबंधन है।
चीन के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि बीजिंग के प्रति चीन का रुख बहुत नकारात्मक है। उप विदेश मंत्री ली युचेंग ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि बाइडन प्रशासन कोरोना से निपटने और आर्थिक स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका मतभेद बढ़ाना और सहयोग कम करना चाहता है। मुझे कहना चाहिए कि यह बहुत नकारात्मक नजरिया है।
जापान के प्रधानमंत्री सुगा, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से व्यक्तिगत तौर पर मिलने वाले पहले विदेशी राजनेता हैं। सुगा पहले ऐसे विदेशी नेता हैं जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के बाद उनसे मुलाकात किया। यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका, जापान के लिए कितना महत्व रखता है। यह यात्रा दोनों देशों के न केवल मजबूत संबंधों को प्रदर्शित करता है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टोक्यो की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। खास बात यह है कि कोरोना संकट के बाद पहली बार दो राष्ट्राध्यक्षों की आमने-सामने की बातचीत हो रही है।
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