देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हालात बेकाबू हो चुके हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कई राज्यों से मरीजों को अस्पताल में बेड्स की कमी की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस बीच, मध्य प्रदेश में कुछ ऐसी घटना सामने आई है, जिसके बाद राज्य सरकार के कोरोना को लेकर किए गए दावों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। 

मध्य प्रदेश के सांची के एक अस्पताल में माली को कोरोना के सैंपल्स लेने का काम सौंपा गया है। सांची के इस सरकारी अस्पताल में माली ही कोरोना की जांच करवाने आए लोगों के सैंपल्स इकट्ठे कर रहा है। इसके पीछे वजह बताई गई है कि अस्पताल का पूरा स्टाफ कोरोना से संक्रमित हो गया है।

सांची के सरकारी अस्पताल के यह हालात तब ऐसे हैं, जब इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी करते हैं। इन दिनों चौधरी दामोह में होने वाले चुनाव के प्रचार में जुटे हुए हैं। राज्य में बीते दिन पहली बार कोरोना के 6,489 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में पिछले लगातार सात दिनों से चार हजार से ज्यादा कोविड के नए मामले सामने आ रहे हैं। बीते 11 दिनों में  46,577 नए संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।

माली का काम करने वाले और कोविड जांच के सैंपल ले रहे हल्के राम से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''मैं माली हूं। मैं अस्पताल का कोई स्थायी कर्मचारी नहीं हूं। मैं यहां पर सैंपल इसलिए इकट्ठा कर रहा हूं क्योंकि बाकी सभी लोग अस्पताल में संक्रमित हो गए हैं।''

 अस्पताल के इनचार्ज ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर राजश्री टिडके ने पूरे घटनाक्रम का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि माली को इसके लिए पूरी तरह से ट्रेनिंग दी गई है। उन्होंने कहा, ''हम क्या कर सकते हैं? स्टाफ संक्रमित हो गया है, लेकिन काम तो चलता रहेगा। इस वजह से इमरजेंसी विकल्प के तौर पर हमने कई लोगों को ट्रेनिंग दी है, जिसमें माली भी शामिल है और वह सैंपल इकट्ठे कर रहा है।''

उधर, यह मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जफर ने कहा है कि मैं उस शख्स को ढूंढ रहा हूं, जो यह बता सके कि पिछले आठ दिनों में स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया हो और समीक्षा बैठक की हो। मैं उस शख्स को 11,001 रुपये का इनाम देना चाहता हूं।