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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता (Delhi AQI) सुधारने के सभी इमरजेंसी उपाय फेल (Emergency measures fail) साबित होते दिख रहे हैं। बृहस्पतिवार को लगातार 5वें दिन शहर की हवा ‘बेहद खराब’ (Very Poor) स्तर पर बनी हुई है। हालांकि प्रशासन ने इस बीच स्कूल बंद करने के साथ कुछ पावर स्टेशन बंद करने का भी निर्णय लिया है। देश के पर्यावरण पर निगाह रखने वाली मुख्य एजेंसी SAFAR-इंडिया द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है और ये बेहद खराब स्तर पर बनी हुई है।
एजेंसी के मुताबिक दिल्ली के कुछ हिस्सों में पीएम 2.5 का स्तर 300 के आस-पास बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पीएम 2.5 का सुरक्षित स्तर 25 तक बताया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता किस हद तक खराब हो चुकी है।
पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है। इन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है। विजिबिलिटी का स्तर भी गिर जाता है। पीएम-2.5 का कण कितना छोटा होता है इसे जानने के लिए ऐसे समझिए कि एक आदमी का बाल लगभग 100 माइक्रोमीटर का होता है। इसकी चौड़ाई पर पीएम 2.5 के लगभग 40 कणों को रखा जा सकता है।
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। पेट्रोल पंपों पर पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफेकेट (PUC) के बिना पेट्रोल भरवाते समय अब 10 हजार रुपये का चालान कट रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग ने पेट्रोल पंपों पर परिवहन विभाग और सिविल डिफेंस वॉलंटियर की टीमें तैनात की हैं।
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