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अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद अजमेर शरीफ दरगाह तालिबान पर भारी पड़ गई है। अजमेर शरीफ दरगाह के प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि तालिबान शरिया के नाम पर आतंक का सहारा लेकर इस्लाम को बदनाम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की तानाशाही दुनिया भर में इस्लाम के प्रति नफरत फैला रही है।
अजमेर शरीफ दरगाह के मुखिया ने आगे भारतीय मुसलमानों को धर्म के नाम पर किसी भी तरह के दुष्प्रचार के शिकार होने से आगाह किया। सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि तालिबान अपने आतंकवाद के एजेंडे को पूरा करने के लिए शरिया कानून की अलग-अलग व्याख्या कर रहा है। सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि “शरिया कानून महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है। इसने कभी भी निर्दोष लोगों को मारने की अनुमति नहीं दी, ”।
उन्होंने कहा कि "मैं उन लोगों की कड़ी निंदा करता हूं जो तालिबान के अवैध अधिकार और उनकी आतंकवादी विचारधारा का समर्थन और स्वागत करते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि शरीयत के नाम पर विनाश, महिलाओं पर प्रतिबंध और हत्याएं इस्लाम में एक अपराध है और इसका समर्थन नहीं किया जा सकता है।
आबेदीन ने कहा, "पहला कर्तव्य होना चाहिए कि हम अपने देश को बचाएं, देश में एकता और शांति बनाए रखें और फिर अपने बारे में सोचें।" उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान में जल्द से जल्द शांति और सद्भाव बहाल हो।"
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