वायु प्रदूषण अब हिमालय तक पहुंच गया है जिसकी वजह से 75 करोड़

लोगों की जिंदगी खतरे में आ चुकी हैं। यह खुलासा एक स्टडी में हुआ है

जिसमें साफतौर पर वायु प्रदूषण (Air Pollution) और वैश्विक गर्मी (Global

Warming) को जिम्मेदार बताया गया है। इसलिए हिमालय पर जाने से पहले यह जान

लीजिए कि वह बेहद संवेदनशील स्थिति में है। आपदा तो पहाड़ पर आएगी लेकिन

वजह होगी हवा और गर्मी।

वर्ल्ड बैंक

(World Bank) की एक रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण (Air Pollution) की

वजह से सबसे ज्यादा हिमालय का हिंदू कुश रेंज (Hindu Kush Range) प्रभावित

हुआ है। इसकी वजह से सिंध (Indus), गंगा (Ganga) और ब्रह्मपुत्र

(Brahmaputra) नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को लिए ज्यादा खतरा पैदा

हो गया है। अगर हिंदू कुश रेंज के ग्लेशियर तेजी से पिघलते हैं तो अचानक से

बाढ़ आने का खतरा बना रहता है। सिर्फ यही नहीं अगर सारे ग्लेशियर पिघल

जाएंगे तो हिंदू कुश इलाके के आसपास रहने वाले लोगों को पीने के पानी का

खतरा भी बढ़ जाएगा।हिंदू कुश रेंज को वर्ल्ड

बैंक की रिपोर्ट में हिंदू कुश हिमालय (HKH) नाम दिया गया है। इस रेंज के

दक्षिणी इलाके में सिंध-गंगा के मैदानी इलाके और उत्तर-उत्तर-पश्चिम में

तिब्बत के पठारी इलाके शामिल हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ग्लेसियर्स ऑफ द

हिमालयाः क्लाइमेट चेंज, ब्लैक कार्बन एंड रीजनल रीसिलिएंस ( Glaciers of

the Himalayas : Climate Change, Black Carbon, and Regional Resilience)

के मुताबिक ये दुनिया के सबसे प्रदूषित इलाकों में शामिल हैं।हिंदू

कुश हिमालय (HKH) के निचले इलाकों से उठने वाले एयरोसोल (Aerosol) ब्लैक

कार्बन धुएं के रूप में उड़ते हुए हिमालय के ऊंची चोटियों और इलाकों पर जमा

हो रहे हैं। ऊंचाई पर जमा होने वाले इन ब्लैक कार्बन की वजह से अल्बेडो

(Albedo) का निर्माण होता है। अल्बेडो यानी सूर्य की रोशनी को रिफलेक्ट

करने की क्षमता को कम करने वाला। इसकी वजह से बर्फ और ग्लेशियर ज्यादा

रोशनी रिफलेक्ट करने के बजाय ज्यादा गर्मी सोखते हैं। वो तेजी से पिघलने

लगते हैं। क्योंकि ऊंचे इलाके काफी ज्यादा गर्म हो रहे हैं।स्मोग

(Smog) बनता है स्मोक (Smoke) और धुंध (Fog) से। अब सिंध-गंगा के मैदानी

इलाकों में यह प्रक्रिया अब बेहद आम हो गई है। दिल्ली-NCR के लोगों के लिए

स्मोग तो हर साल की कहानी हो गई है। लेकिन नई स्टडी में यह देखा गया है कि

हिंदू कुश हिमालय (HKH) के ऊपर एयरोसोल की मात्रा तेजी से बढ़ रही है।

जिसकी वजह से स्मोग है। इसकी पुष्टि यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के

सैटेलाइट सेंटिनल5पी (Sentinel 5P) ने भी की है।हिंदू

कुश हिमालय (HKH) को दुनिया का तीसरा ध्रुव (Third Pole) कहा जाता है। इस

पूरे इलाके में करीब 55 हजार ग्लेशियर हैं, जो उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों

के बाद साफ पानी के सबसे बड़े स्रोत हैं। इनकी वजह से 6 देशों में पानी की

सप्लाई होती है। तीन सबसे बड़ी नदियां सिंध, गंगा और ब्रह्मपुत्र निकलती

हैं। लेकिन पिछले 50 सालों में 509 ग्लेशियर लापता हो चुके हैं। साल 2005

के बाद से अब तक ग्लेशियरों के पिघलने की दर दोगुनी हुई है।