कोरोना वायरस (Coronavirus Vaccine) वैक्सीन लगाने के बाद भी जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण के शिकार हुए हैं, उनके लिए बड़ी खुशखबरी है. एक नई स्टडी में पाया गया है कि ऐसे लोग जो वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना वायरस (Coronavirus Positive) से संक्रमित हुए हैं, उनके शरीर के अंदर ‘सुपर इम्युनिटी’ मिली है. वैक्सीन लगवाने के बाद भी पॉजिटिव होने वाले लोगों के अंदर सुपर इम्युनिटी मिल रहा है, जो बहुत बड़ी खुशखबरी है.

अमेरिका के ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में एक छोटे से ग्रुप में ये स्टडी की गई है और रिजल्ट को देखकर वैज्ञानिक हैरान रह गये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 26 लोगों पर ये टेस्ट किया गया है और स्टडी के दौरान पता चला कि, वैक्सीन लेने के बाद भी जो लोग पॉजिटिव हुए हैं, उनके अंदर 2000 प्रतिशत से ज्यादा एंटीबॉडी बढ़ गई है. जिन लोगों पर ये टेस्ट किया गया है, उन्हें वैक्सीन लेने से पहले कभी कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ था और वैक्सीन लेने के बाद वो संक्रमित हुए थे और टेस्ट में पता चला कि ऐसे में लोगों में एंटीबॉडी की मात्रा एक हजार से 2 हजार प्रतिशत तक बढ़ गई है.

शरीर में प्रचूर मात्रा में एंटीबॉडी ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के प्रोफेसर और इस स्टडी को करने वाले फिकाडु ताफेसे ने कहा, ‘स्टडी में हमने देखा है कि इन लोगों में एंटीबॉडी का स्तर पर्याप्त मात्रा में बढ़ गया है और इसका प्रतिशत एक हजार से 2 हजार के बीच है. हमने स्टडी में पाया है कि एंटीबॉडी की ये मात्रा काफी ज्यादा है’.

प्रोफेसर फिकाडु ताफेसे ने एंटीबॉडी की इस मात्रा को “सुपर इम्युनिटी” कहा है. प्रोफेसर फिकाडु ताफेसे ने डेली मेल से बात करते हुए कहा, ‘यह करीब एक सुपर इम्युनिटी है’ अमेरिकी वैज्ञानिक का ये रिसर्च ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है और ओमिक्रॉन के खिलाफ ज्यादातर वैक्सीन घुटने टेक रहे हैं.

ओमिक्रॉन वेरिएंट और सुपर इम्युनिटी इस वक्त जब दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट फैल चुका है और अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में काफी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, उस वक्त ये रिसर्च काफी ज्यादा फायदा देने वाला है. क्योंकि, ओमिक्रॉन वेरिएंट की चपेट में ऐसे भी लोग आ रहे हैं, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों खुराक ले रखी है.

इस बीच, कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक स्टडी में पाया है कि फाइजर या मॉडर्न का बूस्टर शॉट लेने वाले रोगियों में मूल वायरस की तुलना में ओमिक्रॉन रोकने के लिए 6.5 गुना कम एंटीबॉडी थे, जिसका मतलब ये हुआ कि अकले बूस्टर शॉट भी ओमिक्रॉन को रोकने में काबिल नहीं हैं.