अफगानिस्तान (Afghanistan Crisis) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से हालात बदतर हो गए हैं। आबादी का एक बड़ा हिस्सा जहां देश छोड़ चुकी है। वहीं, आधी आबादी भुखमरी के कगार पर है। सरकार चलाने के लिए तालिबान के पास फंड नहीं है। ऐसे में दोहा में तालिबान और अमेरिका के बीच जारी बातचीत के दौरान तालिबान ने एक बार फिर वॉशिंगटन से मदद की अपील की है। तालिबान ने अमेरिका से कहा है कि वह अफगानिस्तान में आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, ऐसे में फ्रोजन फंड (Frozen Fund) को रिलीज कर दिया जाए।

तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि टॉम वेस्ट के नेतृत्व में हुए बैठकों में तालिबान ने ब्लैकलिस्ट और प्रतिबंधों को समाप्त करने की भी अपील की है। तालिबान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बाल्खी ने बताया है कि दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने राजनीतिक, आर्थिक, मानवीय, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की है। अफगान प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी पक्ष को सुरक्षा का आश्वासन दिया। इसके साथ ही अमेरिका से अपील की गई है कि अफगानिस्तान के जब्त पैसों को बिना शर्त जारी किया जाना चाहिए।

बता दें कि वॉशिंगटन ने काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक से संबंधित करीब 7,11,820 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने भी अगस्त में आईएमएफ द्वारा जारी किए गए नए भंडार में सहायता के साथ-साथ 2550 करोड़ की सहायता रोक दी थी।

अमेरिका ने तालिबान से लगातार महिलाओं को अधिकार देने और लड़कियों को स्कूल जाने देने की अपील है। इस बैठक में भी अमेरिका ने अफगानिस्तान में जारी मानवाधिकार हनन को लेकर चिंता जताई है। हालांकि तालिबान ने इस बैठक को सकारात्मक बताया है।