अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सेना के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता ही जा रहा है।  पाकिस्तान की मदद से अफगानिस्तान में दहशत फैला रहे तालिबान ने देश के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया है।  अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही देश की बागडोर तालिबान के हाथों में जाते ही दिख रही है।  हालांकि अफगान सेना के पलटवार ने यहां गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर दी है। 

बीते 24 घंटे में अफगान सेना ने 300 से ज्यादा तालिबानी मार गिराए हैं।  अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नंगरहार, लगमन, गजनी, पक्तिका, कंधार, जाबुल, हेरात, जोज्जान, समांगन, फरयाब, सर-ए पोल, हेलमंद, निमरूज, कुंदुज, बगलान और कपिसा में सेना ने बीते 24 घंटे में ऑपरेशन चलाया।  इन ऑपरेशंस में 303 तालिबानी मारे गए हैं जबकि 125 से ज्यादा घायल हुए हैं।  बुधवार देर रात सर-ए पोल में एयर स्ट्राइक की गई, जिसमें 34 तालिबानी लड़ाके मारे गए।  इसके अलावा हथियारों का जखीरा और लड़ाकों का ठिकाना भी ध्वस्त कर दिया गया है। 

एक दिन पहले ही तालिबानी लड़ाकों ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्ला खान मोहम्मदी को निशाना बनाया था।  हालांकि मंत्री इस हमले में बाल-बाल बच गए।  उनके घर पर हमला किया गया था, लेकिन उस समय रक्षा मंत्री घर पर नहीं थे।  करीब पांच घंटे तक चली मुठभेड़ में चार हमलावरों को भी मार गिराया गया था।  बम हमले में करीब 8 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है।  अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद से ही अफगानिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात बन गए हैं।  तालिबान अपना कब्जा जमाने के लिए लगातार हिंसा कर रहा है।  पाकिस्तान भी तालिबान का साथ दे रहा है और अपने यहां तालिबानी लड़ाकों को शरण दे रहा है।