देश में कोरोना के कारण कई तरह की परेशानियां चल रही है। कोरोना लॉकडाउन के कारण सभी काम और बाजार बंद पड़े हैं। इस दौरान किसी भी तरह का कोई काम ठीक से नहीं हो पा रहा है। कोरोना के काल में बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने मोबाइल फोन की 5जी तकनीक को लेकर चिंता जाहिर की है। लॉकडाउन के माहौल में मोबाइल एक सहारा है जिसके द्वारा अपने से जुड़ सकते है और अपना किसी भी तरह का काम करने का सहारा है।

इस कड़ी में 5जी तकनीक पर एक्ट्रेस का कहना है कि लोगों की सेहत पर रेडियोफ्रिक्वेंसी के संभावित हानिकारक प्रभावों का विश्लेषण किए बगैर इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। एक्ट्रेस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और साथ ही जूही चावला ने अब भारत में 5G टेक्नोलॉजी को लागू करने के खिलाफ एक याचिका मुम्बई हाईकोर्ट में दायर की है जिसकी पहली सुनवाई आज होनी है।


जूही ने अपनी इस याचिका में भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय से आम लोगों, तमाम जीव-जंतुओं, वनपसस्तियों और पर्यावरण पर 5G टेक्नोलॉजी के लागू किये जाने से पड़ने वाले प्रभाव से जुड़े अध्ययन को बारीकी से कराने की अपील की है। जानकारी के लिए बता दें कि जूही चावला रेडिएशन के प्रति जागरूकता लाने का काम करती आ रही हैं। केंद्र डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को पाने के लिए 5जी लागू करने जा रहा है।

जूही चावला के प्रवक्ता ने एक आधिकारिक बयान में बताया है कि भारत में 5G टेक्नोलॉजी को लागू किये जाने से पहले RF रेडिएशन से मानव जाति, महिला, पुरुषों, व्यस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों, जीव-जंतुओं, वनस्पतियों और पर्यावरण पर पड़नेवाले प्रभावों को लेकर अच्छे से अध्ययन किया जाना चाहिए ताकी किसी तरह की आगे कोई दिक्कत नहीं हो। 5G टेक्नोलॉजी भारत की मौजूदा और आनेवाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित  है या नहीं इस पर विचार किया जाना चाहिए।