रूस के साइबेरिया में एक बड़ा हादसा हो गया है. यहां केमेरोवो क्षेत्र की एक कोयला खदान (52 people have died in a fire in a coal mine) में आग लगने से 52 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें छह बचावकर्मी भी शामिल हैं. घटना गुरुवार को हुई है. यह देश में पांच साल में सबसे घातक खदान दुर्घटना मानी जा रही है. शुरुआती जांच में पता चला है कि लिस्टव्यझनाया कोयला खदान में कोई भी जीवित व्यक्ति का रेस्क्यू करने का मौका नहीं मिला. कई शव अब भी अंदर ही हैं, जिन्हें सतह तक लाकर बाहर लाने की कोशिश की जा रही है.

इससे पहले खबर मिली थी कि कोयले के धुएं के कारण वेंटिलेशन की दिक्कत से 11 खनिकों की मौत हो गई है. जो 250 मीटर की गहराई पर काम कर रहे थे. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि 38 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है और 13 अन्य लोगों का बिना भर्ती किए उपचार किया गया है. दुर्घटना के समय 285 लोग अंडरग्राउंड काम कर रहे थे और उनमें से अधिकांश को शुरुआत में ही खदान से बाहर निकाल लिया गया था.

कोयला खदान की घटना की बात करें, तो ये आग तेज धमाका होने के बाद लगी थी. ये धमाका अचानक हुआ, जिसके चलते बहुत से लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. बचावकर्मी और पुलिस घटना की सूचना मिलते ही यहां पहुंच गए थे. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( Russian President Vladimir Putin)  ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी ‘गहरी संवेदना’ व्यक्त की है. वहीं केमेरोवो क्षेत्र ने शुक्रवार से रविवार तक तीन दिनों के शोक की घोषणा की है.

रूस की जांच कमेटी ने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में घटना की जांच शुरू कर दी है. जांच में ये पता लगाया जाएगा कि धमाके के पीछे क्या वजह रही हैं. सरकार का कहना है कि घायलों की हर संभव मदद की जाएगी. यह इस तरह की पहली घटना नहीं है. साल 2004 में इसी खदान में मिथेन विस्फोट हुआ था, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी.