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अधिकांश भारतीय नागरिकों का कहना है कि वे खाद्य पदार्थों पर कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी (MSP ) का समर्थन करते हैं। एक पोल में उत्तरदाताओं से पूछा गया कि क्या वे दूध (Milk), फल (Fruits), सब्जियां (Vegetables), अंडे (Eggs), चिकन (Chicken ) और इसी तरह के अन्य खाद्य पदार्थों पर कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी के लिए अन्य किसानों द्वारा की गई समान मांग से सहमत होंगे।
इस पर करीब 70 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्पष्ट किया कि अगर यह मांग आती है तो वे इससे सहमत होंगे। एनडीए के 63 फीसदी से ज्यादा समर्थक इस काल्पनिक मांग से सहमत दिखाई दिए। किसान नेताओं की इस मांग के बारे में आम भारतीय क्या सोचते हैं, यह जानने के लिए भारत भर में एक स्नैप पोल किया कि क्या संसद को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी (egally guaranteed MSP) प्रदान करने वाला एक नया कानून पारित करना चाहिए। आज तक, सरकार 23 फसलों के लिए एमएसपी प्रदान करती है।
उत्तरदाताओं में से 61 प्रतिशत से अधिक कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी (guaranteed MSP)) की मांग से सहमत थे, जबकि केवल 21 प्रतिशत ने इसका विरोध किया। अपेक्षित रूप से, एनडीए के मतदाताओं की तुलना में विपक्षी मतदाताओं के एक बड़े हिस्से ने इस मांग का समर्थन किया, लेकिन एनडीए के 54 फीसदी से ज्यादा समर्थक इस मांग से सहमत थे। कानूनी रूप से गारंटीशुदा कीमतों पर सभी खाद्यान्न और बागवानी उत्पादों को खरीदने के लिए संसाधन और वित्त जुटाने की सरकार की क्षमता के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। लेकिन उत्तरदाताओं ने इस चिंता को साझा नहीं किया। 62.6 प्रतिशत ने सुझाव दिया कि सरकार सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी का भुगतान कर सकती है। अधिकांश विपक्षी समर्थकों ने भी सहमति व्यक्त की।
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