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कोरोना काल में एक तरफ जहां रोजाना हजारों लोग मौत की नींद सो रहें, तो लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। वायरस के इतनी तेजी से फैलने के बीच एक महत्वपूर्ण रिसर्च सामने आई है। जिसे जानकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वायरस इतनी तेजी से कैसे फैल रहा है। हाल ही में यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी की ओर से इस बात की पुष्टि हुई है कि कोरोना वायरस केवल सतह या किसी के संपर्क में आने से ही नहीं, बल्कि हवा के जरिए भी फैलता है।
एक लंबे समय से दुनियाभर में यह बहस जारी थी कि कोरोना संक्रमण हवा से फैलता है या नहीं। इस पर सीडीसी की रिपोर्ट ने जहां एक तरफ पुष्टि की है वहीं दूसरी तरफ लोगों के लिए एक दौहारी समस्या खड़ी हो गई है। अब यह समझ पाना मुश्किल हो गया है कि कोरोना से खुद को कैसे बचाएं। सीडीसी द्वारा रिपोर्ट बताती है कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस छोड़ता है तो इस दौरान उसके मुंह से कुछ नैनो पार्टिकल बाहर निकलते हैं जो कुछ देर तक हवा में रहते हैं। ऐसे में यह नैनो पार्टिकल उस व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते हैं जो उससे थोड़ी दूरी बनाकर खड़ा है। इस स्थिति में लोग खुद को कैसे कोरोना से बचा कर रखें यह समझ पाना थोड़ा मुश्किल लग रहा है।
कोरोना को लेकर आई इस रिपोर्ट से पता चलता है कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस छोड़ता है तो उसके जरिए वह व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है जो उस जगह पर है। इसमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता की वह 6 फीट की दूरी पर है या नजदीक। ऐसा इसलिए क्योंकि नैनो पार्टिकल एक अवधि तक हवा में बने रह सकते हैं। ऐसे में एजेंसी को ओर से नया दिशानिर्देश जारी हुए हैं जो पहले से अलग हैं। पहले दिशानिर्देश में कोरोना के फैलने की मुख्य वजह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना और सतह को बताया गया था।
सीडीसी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट इस ओर भी इशारा करती है कि कोरोना वायरस उन जगह पर अधिक तेजी से फैल सकता है जहां पर भीड़ ज्यादा है। अब चाहे वह इंडोर हो या आउटडोर स्थान। ऐसा तब होता है जब संक्रमित व्यक्ति सांस लेता है तो उसके जरिए वायरस हवा में कुछ देर तक मौजूद होता है। इसके बाद यह वायरस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे भी संक्रमित कर सकता है।
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