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झारखंड के जामताड़ा (Jharkhand Jamtara) में 4 साल 11 महीने की एक बच्ची अवनी कुमारी (Avani Kumari) ने 18 किलोमीटर की दौड़ (18 kilometer run) लगा दी। उसने शुरू के 10 किलोमीटर की दौड़ मात्र 50 मिनट 54 सेकेंड में पूरी की। दावा किया जा रहा है कि उसकी रफ्तार डेढ़ दशक पहले चर्चित हुए उड़ीसा के नन्हें धावक बुधिया सिंह (Runner Budhia Singh) से ज्यादा है। प्री नर्सरी में पढ़ने वाली बच्ची के इस कारनामे पर लोग हैरत में हैं। इधर खेल नियमों के जानकार बेहद कम उम्र की बच्ची की 18 किलोमीटर की दौड़ को अमानवीय और नियमों के खिलाफ बता रहे हैं।
अवनी को जामताड़ा जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन (Jamtara District Athletics Association) की ओर से आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया, लेकिन विवाद खड़ा होने के बाद एसोसिएशन ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है। एसोसिएशन ने सोमवार को लिखित तौर पर कहा कि अवनी को एसोसिएशन की ओर से आयोजित क्रॉस कंट्री रेस (cross country race) में शामिल नहीं किया गया था, बल्कि उसकी यह दौड़ उसे ट्रेनिंग देने वाली स्पोट्र्स एकेडमी की ओर से करायी गयी थी।
बता दें कि जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन (District Athletics Association) ने जिला मुख्यालय में क्रॉस कंट्री रेस का आयोजन किया था। इस रेस के समापन पर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। लेकिन इस मौके पर अवनी सबके आकर्षण का केंद्र रही। इस मौके पर उपस्थित रहे जिले के उपविकास अधिकारी अलिलसन लकड़ा ने बच्ची को 500 रुपये का इनाम देते हुए कहा कि इसका नाम प्रेरणा होना चाहिए। करमाटांड़ से सुभाष चौक जामताड़ा कुल 18 किलोमीटर की दौड़ के दौरान स्थानीय पुलिस की टीम भी साथ रही। इस दौरान एक एंबुलेंस भी पूरे रास्ते चलती रही।
अवनी (Avani Kumari) जामताड़ा के करमाटांड़ की रहने वाली है। वह केजी की छात्रा है। वह बीते नौ महीनों से स्थानीय विद्यासागर स्पोट्र्स एकेडमी से जुड़ी है। अवनी को ट्रेनिंग देने वाले कोच निवास मंडल का कहना है कि वह पूजा विश्नोई से प्रेरित होकर एथलीट बनने की तैयारी में जुटी है। उनका कहना है कि अवनी की डायट चार्ट का खास ध्यान रखते हैं। अवनि ने भी दौड़ की समाप्ति पर मीडिया को बाइट दिया। उसने कहा कि उसका सपना ओलंपिक में गोल्ड जीतने का है। अवनी के पिता विनोद मंडल एवं माता वंदना देवी भी बच्ची की उपलब्धियों पर खुशी जता रहे हैं। दूसरी तरफ खेल नियमों के जानकार एवं कई प्रबुद्ध लोग लगभग पांच साल की बच्ची की इस दौड़ पर सवाल उठा रहे हैं। एनआईएस कोच और स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से पूर्व में जुड़े रहे से एथलेटिक्स कोच रमेश लोहरा का कहना है कि बच्चों को खेल के लिए स्कूली स्तर पर प्रोत्साहित करना अपनी जगह ठीक है पर नियमत: एथलेटिक्स की किसी भी प्रतियोगिता में इस उम्र के बच्चों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
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