अफगानिस्तान (Afganistan) से हजारों लोग भागकर रोजाना पड़ोसी देश ईरान (Iran ) में शरण ले रहे हैं और यह एक ऐसी स्थिति है, जिससे यूरोप में शरणार्थी संकट (refugee crisis in europe) का मुद्दा गहराएगा। देश के एक शीर्ष सहायता अधिकारी ने यह जानकारी दी है। नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल (Norwegian Refugee Council) (एनआरसी) के महासचिव जेन इगलैंड ने इस सप्ताह अफगानिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी ईरान के करमन प्रांत (Kerman province of eastern Iran) के समीप शरणार्थियों से मुलाकात की। उन्होंने आगाह किया है कि अगर अफगानिस्तान से शरण की तलाश में लोग भागकर ईरान आते रहे तो इससे यूरोप प्रभावित हो सकता है। 

एनआरसी के अनुसार तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से 3,00,000 अफगान भागकर ईरान (Iran from Afghanistan) आए हैं। अपने दौरे के अंतिम दिन इगलैंड ने तेहरान में एजेंसी से बातचीत में कहा कि तालिबान (Taliban) के शासन के बाद अफगानिस्तान से भाग रहे लोगों को उम्मीद, भोजन और देखभाल प्रदान करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई अफगान शणार्थियों (Afghan refugees) ने अपने रिश्तेदारों से कहा है कि वे ईरान जा रहे हैं।

हवाई मार्ग से 1,20,000 अमरीकी, अफगान और अन्य लोग अफगानिस्तान से बाहर निकाले गए। लेकिन फिर भी हजारों की संख्या में लोग छूट गए, जिनमें से कई सीमाई इलाकों की तरफ चले गए और सहायता प्रदान करने वाली एजेसियों से मदद मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है और शरणार्थियों को आश्रय देने के लिए वहां उपयुक्त व्यवस्था नहीं है, ऐसे में और अधिक संख्या में लोगों के शरण तलाशते हुए ईरान आने की आशंका है।