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बिहार के गया में एक ब्लास्ट के बाद माओवादियों ने बीजेपी और एनडीए(NDA) सरकार को ध्वस्त करने की बातें लिखे पर्चे छोड़े थे। जिसके बाद शनिवार देर रात गया में सीआरपीएफ और माओवादियों के बीच फायरिंग हुई है। फायरिंग में तीन माओवादियों के मारे जाने की खबर है। मारे गए माओवादियों से हथियार भी बरामद हुए हैं।
गया के बाराचट्टी जंगल इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की कोबरा बटालियन और बिहार पुलिस के तलाशी अभियान के दौरान नक्सलियों से सामना हुआ। रात करीब 12 बजकर 20 मिनट पर दोनों ओर से फायरिंग हुई। गया मुठभेड़ में माओवादियों के जोनल कमांडर सहित तीन माओवादी ढेर हो गए हैं।
देर रात तक चली इस कार्रवाई में दोनों तरफ से खूब गोलियां चलीं। इसस दौरान पूरा जंगल गोलियों की आवाज से गूंज उठा। एनकाउंटर में जोनल कमांडर आलोक यादव भी ढेर हो गया है। मारे गए माओवादी के पास से एक AK-47 और एक इंसास राइफल बरामद हुई है। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान जारी है।
हाल ही में गया में नक्सलियों ने एक सामुदायिक भवन को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया था। अपनी मजबूत स्थिति दर्ज करने के लिए नक्सलियों द्वारा इमामगंज में सामुदायिक भवन को उड़ाने की बात सामने आई थी। नक्सलियों ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के शपथ लेने से ठीक पहले इस घटना को अंजाम दिया था।
15 नवंबर को देर रात लगभग ग्यारह बजे गया के बोधीबिगहा गांव में नक्सलियों ने सामुदायिक भवन को आईईडी लगाकर ध्वस्त कर दिया था। सामुदायिक भवन ध्वस्त करने के बाद माओवादियों ने यहां पर दो आईईडी भी छोड़े, एक भवन के पीछे और दूसरा भवन के आगे।
इसके साथ ही नक्सलियों ने हाथ से लिखा हुआ एक पर्चा भी सामुदायिक भवन के पास छोड़ा, जिसमें बीजेपी और एनडीए सरकार को ध्वस्त करने की बातें लिखी हुई हैं। रविवार सुबह मुठभेड़ के बाद की पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया। इसमें माओवादियों के जोनल कमांडर आलोक यादव के साथ ही तीन शव बरामद किए गए।
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