नागालैंड बैपटिस्ट चर्च काउंसिल (एनबीसीसी) ने राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान 'हैललूजाह' और 'प्रेज द लॉर्ड' जैसे धार्मिक शब्दाें के इस्तेमाल की यह कहते हुए निंदा की है कि यह एक चुनाव अभियान है न कि आध्यात्मिक-धार्मिक अभियान। 

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एनबीसीसी के महासचिव रेव डॉ. ज़ेलहो कीहो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चुनावी राज्य में राजनीतिक दलों के अभियानों में धार्मिक भाषा का उपयोग करने का वाकया सामने आया है । उन्होंने एनबीसीसी ने राजनीतिक दलों से कहा कि राजनीतिक मंच का इस्तेमाल देश के इस हिस्से में ईसाइयों की भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने वोट हासिल करने के लिए धार्मिक भाषा के इस्तेमाल के बजाय अपना होमवर्क करने और देश में अल्पसंख्यकों की पीड़ा को दूर करने की दिशा में काम करने की अपील की।

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इस बीच भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों के दौरान धार्मिक मुहावरों के इस्तेमाल का बचाव करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं नागालैंड प्रभारी नलिन कोहली ने शनिवार को दीमापुर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसी कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह नागालैंड में एक आम प्रथा है, जहां किसी भी घटना से पहले भगवान का आशीर्वाद मांगना होता है। उन्होंने कहा कि यह वोट मांगने की रणनीति नहीं है, बल्कि चुनाव प्रचार के दौरान भगवान को याद करने का एक तरीका है।