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केंद्र सरकार ने मंगलवार को 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान की मासिक किस्त के तौर पर 6,195.08 करोड़ रुपये जारी किए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय की ओर से मंगलवार को इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी गई। यह अनुदान 15वें वित्त आयोग की अंतरिम सिफारिशों पर आधारित है जो राज्यों को केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के भुगतान के बाद होने वाले राजस्व घाटे के लिए दिया गया है।
निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि 15वें वित्त आयोग की अंतरिम सिफारिशों के आधार पर 14 राज्यों को 6,195.08 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया गया है। केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के भुगतान के बाद राजस्व घाटा अनुदान विभाग ने बराबर की आठ मासिक किस्तों के तहत यह राशि जारी की है। वित्त आयोग द्वारा केंद्र को राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए तंत्र उपलब्ध कराया जाता है। इसे केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से बंटवारे के बाद राजस्व घाटा अनुदान कहा जाता है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अनुदान का लाभ पाने राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। बता दें कि इतनी ही राशि का अनुदान चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान भी जारी किया गया था। सरकार ने 10 सितंबर, 2020 को 14 राज्यों को बंटवारे के बाद राजस्व घाटा अनुदान की छठी समान मासिक किस्त के रूप में 6,195.08 करोड़ रुपये जारी किए थे।
15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ही यह राशि भी जारी की गई थी। इससे इन राज्यों को कोरोना वायरस संकट के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने में काफी मदद मिली थी। इससे पहले चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त की अवधि में भी इतनी ही राशि का अनुदान जारी किया गया था। वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के बाद राज्यों के राजस्व घाटे की केंद्र की ओर पूर्ति के लिए अनुदान की यह व्यवस्था बनाई है।
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