
नागालैंड इन-सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन यानि NIDA की 3 दिवसीय सामूहिक आकस्मिक हड़ताल समाप्त हो गई है। तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य भर के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी बंद रही। हालांकि आपातकालीन सेवाएं चालू रहीं।
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नगालैंड सरकार द्वारा एक साल के भीतर उनकी मांग का समाधान करने का आश्वासन समाप्त होने के बाद सेवानिवृत डॉक्टरों ने अपनी सेवानिवृत्ति की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 साल करने की मांग को लेकर 18 अप्रैल को धरना शुरू किया। राज्य सरकार की कैबिनेट गुरुवार को इस मामले पर चर्चा के लिए बैठक कर रही है।
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इसके अलावा केंद्र सरकार ने नागालैंड के विद्रोही संगठनों के साथ संघर्ष विराम की अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है। गृह मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि केंद्र सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड खापलांग (एनएससीएनएनके), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड रिफॉर्मेशन (एनएससीएनआर) तथा नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड खांगों (एनएससीएन खांगो) के साथ संघर्ष विराम समझौता लागू है।
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