वर्ष 2021 का अंत नागालैंड (Nagaland) का अच्छा नहीं गुजरा है। यह साल जाते जाते कई लोगों की बलि लेकर गया है। इस बलि को बलिदान में  परिवर्तित करने के लिए पूरा पूर्वोत्तर भारत एकता दिखाता नजर आ रहा है। इसी तरह से कई मुद्दे हैं जो इस साल विवादित रहे हैं। इनकी सूची देखी जाए तो बहुत ही बड़ी है। आइए डालते है एक नजर....


2021 की बड़े मुद्देः-
  1. AFSPA को निरस्त करने की मांग,
  2. इनर लाइन परमिट लगाने की लगातार मांग,
  3. कानून और व्यवस्था के मुद्दे,
  4. नागा मुद्दे के आंशिक समाधान के रूप में ध्वज और संविधान की मांग पर,
  5. नागा वार्ता के लिए केंद्र के वार्ताकार के रूप में उनका इस्तीफा,
  6. चार नए जिलों का निर्माण (नोकलाक, त्सेमिन्यु, चुमुकेदिमा और निउलैंड)



नागा मुद्दे के बाद 4 दिसंबर को 21 पैरा स्पेशल फोर्स द्वारा मोन जिले के ओटिंग गांव में 14 नागरिकों के भयानक नरसंहार (Nagaland massacre) सबसे खौफनाक और  AFSPA की लापरवाही ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इसमें  असम राइफल्स (Assam Rifles) की गोलीबारी में मोन शहर में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई, जब प्रदर्शनकारियों ने 5 दिसंबर को असम राइफल्स शिविर पर धावा बोल कर जैसे को तैसा करने की कोशिश की।
इन हत्याओं ने नागालैंड में सशस्त्र बल (विशेष) शक्ति अधिनियम को निरस्त करने की मांग को फिर से शुरू कर दिया। AFSPA को खत्म करने की मांग धीरे धीरे पूरे देश में आग की तरह फैल रही है। इन मुसीबतों के साथ और रातनीतियों के खेल बीच नागालैंड का साल 2021 गुजरा है।