कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने लोकसभा में सोमवार को नागालैंड की घटना (nagaland firing incident) को दुखद करार देते हुए पीड़ित परिवारों को समुचित मुआवजा देने तथा गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से सदन में इस मुद्दे पर विस्तृत बयान देने की मांग की।

शून्यकाल शुरू होने से पहले विपक्षी सदस्यों ने नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में आम नागरिकों के मारे जाने का मुद्दा उठाया और जांच की अपील करते हुए उचित मुआवजा देने मांग की और भविष्य में ऐसी घटना ना हो यह सुनिश्चित किया जाए। नागालैंड की राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (एनडीपीपी) के तोखेहो येपथोमी (Tokeho Yepathomi) में नागालैंड की घटना पर दु:ख जताते हुए कहा उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जाय तथा दोषियों को सख्त सजा दी जाय। 

उन्होंने कहा कि सशत्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम ( एएफएसपीए) सुरक्षा बालों को आम नागरिकों को मारने का अधिकार नहीं देता है। कांग्रेस के गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने कहा की चार और पांच दिसम्बर को जो घटना हुई है वह नागालैंड और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए काला दिन है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए इलाके में शांति कायम करने की अपील की। वहां जिस प्रकार आम नागरिकों की हत्या की गई वह खुफिया तंत्र की विफलता है। पूर्वोत्तर राज्यों लगातार कानून व्यवस्था में गिरावट आ रही है। इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सदन में वक्तव्य देना चाहिए। 

द्रमुक नेता टी आर बालू (DMK leader TR Baalu) ने कहा कि नागालैंड की घटना को निंदनीय करार देते हुए कहा की इसकी जांच होनी चाहिए था यह सुनिश्चित हो कि ऐसी घटना दोबारा ना हो। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय (Sudip Bandyopadhyay) ने नागालैंड ने जो हुआ वह बहुत गम्भीर है। इसने देश को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने मारे के लोगों के परिजनों को अधिकतम मुआवजा देने की मांग की। शिव सेना के विनायक रावत ने कहा कि शनिवार को नागालैंड में जिस तरह की घटना हुई है वह बहुत दुखद है। आखिर खुफिया विभाग को ऐसी गलत जानकारी कैसे मिली जिससे यह दुखद घटना हुई। उन्होंने पीड़ितों के परिवार को 25-25 लाख मुआवजा देने की मांग की। 

जदयू के राजीव रंजन (JDU's Rajeev Ranjan) ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में जब शांति की पहल की जा रही है ऐसे में इस प्रकार की घटना बहुत दुखद है। गलत पहचान की वजह से आम लोगों के मारे जाने से लोगों में अविश्वास पैदा होगा। इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को सदन में वक्तव्य देना चाहिए। एनसीपी की सुप्रिया सुले ने इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सदन में वक्तव्य देने का आग्रह करते हुए प्रत्येक पीड़ित के परिजन को 60 लाख मुआवजा देने की मांग की। इसी प्रकार वाईएसआर कांग्रेस के मिथुन रेड्डी, बसपा के रीतेश पाठक, कांग्रेस के प्रद्युत बारदोली, एआईएमआईएम के असदउद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बदरूद्दीन अजमल ने भी इस घटना को दुखद करार दिया और मुआवजे की मांग की।