नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (CM Neiphiu Rio) ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को एक कठोर कानून करार दिया है। मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने बताया कि "अफस्पा कठोर कानून की दुनिया भर में निंदा की जाती है। इसे हटना है जरूरी "।

 

रियो नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए 13 नागरिकों के अंतिम संस्कार में कहा है। इन्होंने आगे कहा कि " कठोर कानून - AFSPA, नागालैंड राज्य चाहता है कि अफस्पा को तुरंत हटाया जाए।"
हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्र यह कहता रहा है कि नगालैंड से अफस्पा (AFSPA)  को हटाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि "केंद्र ने कहा है कि वह नगालैंड से अफस्पा नहीं हटा सकता। नागालैंड में AFSPA के निरंतर कार्यान्वयन का कोई मतलब नहीं है। राज्य में शांति है ”।
नगालैंड के मुख्यमंत्री (CM Neiphiu Rio) का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूर्वोत्तर से अफ्सपा को वापस लेने की मांग नए सिरे से हो रही है। नागालैंड में कई नागरिक समाज संगठनों (CSO) ने भी AFSPA को वापस लेने की अपनी मांग को फिर से शुरू किया है।
फोरम फॉर नागा रिकंसिलिएशन (FNR) ने कहा कि AFSPA, अपने स्वभाव से, "शांति विरोधी" है और राज्य सरकार को इसे निरस्त करने और नागरिक क्षेत्रों से सशस्त्र बलों को हटाने की सिफारिश करनी चाहिए।
नागा मदर्स एसोसिएशन (NMA) के अध्यक्ष अबेउ मेरु ने कहा, "... अफस्पा के तहत जारी सैन्यीकरण और हत्याओं के खिलाफ हमारे विरोध की आवाज सुनी जाए।"