कोहिमा। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि केंद्र सरकार उत्तर-पूर्व के खनिज अन्वेषण और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है तथा प्रत्येक पूर्वोत्तर राज्य को अन्वेषण के लिए पांच करोड़ रुपये की विशेष अग्रिम की घोषणा की है। जोशी ने नागालैंड के दीमापुर के पास चुमौकेदिमा में प्रथम उत्तर-पूर्व भूविज्ञान और खनन मंत्री कॉन्क्लेव के पहले सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों को विकास के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। 

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सरकार नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) के माध्यम से परियोजनाओं का वित्तपोषण भी कर रही है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का फोकस बिंदु है और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने पिछले पांच वर्षों के दौरान विभिन्न खनिज वस्तुओं पर क्षेत्र में 108 परियोजनाएं शुरू की हैं और 2022-23 के दौरान विभिन्न वस्तुओं पर कुल मिलाकर 23 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं। 

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इस मौके पर केंद्रीय खान मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजय लोहिया ने कहा कि मंत्रालय देश में खनिजों की खोज में तेजी लाने के साथ-साथ खनिज ब्लॉकों की नीलामी पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसआई ने देश में राष्ट्रीय आधारभूत भू-विज्ञान डेटा उत्पादन कार्यक्रम को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया है और पूर्वोत्तर क्षेत्र में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज पर ध्यान केंद्रित किया है।