नगा नेताओं के साथ शांति वार्ता फिर से शुरू करने के उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्रालय बहुत जल्द एक नया वार्ताकार नियुक्त करने के लिए तैयार है। वर्तमान वार्ताकार आर.एन. रवि, ​​जो नागालैंड के राज्यपाल भी थे उनका पिछले सप्ताह तमिलनाडु ट्रांसफर कर दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने नए वार्ताकार के रूप में खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक अक्षय कुमार मिश्र के नाम पर मुहर लगा दी है और इसक लेकर जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।

सूत्रों ने यह भी कहा है कि राजस्थान कैडर के 1987 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी मिश्रा को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पसंद बताया जा रहा है। इस साल अप्रैल में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें गृह मंत्री का सलाहकार बनाया गया था। कहा जाता है कि अक्षय कुमार मिश्र ने असम के कार्बी-आंगलोंग जिले में स्थित आतंकवादी समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने और सुरक्षा सेट में एक अन्य स्रोत नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) (के) निकी समूह के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नागा शांति वार्ता वस्तुतः अभी ठप पड़ी है क्योंकि वर्तमान वार्ताकार आर.एन. रवि लंबे समय से नागा विद्रोही समूह के किसी भी गुट के किसी नेता से नहीं मिले हैं और हाल ही में 15 अगस्त, 2021 को स्वतंत्रता दिवस के भाषण पर उनकी टिप्पणी को राज्य के राजनीतिक समूहों द्वारा सराहा नहीं गया था। वार्ताकार आर.एन. रवि और नागा समूहों के बीच भारी विश्वास की कमी ने उन्हें राज्य से बाहर निकलने का कारण बना दिया क्योंकि वह पिछले दो सालों से नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) के साथ क्रॉस तलवारों में थे।

वास्तव में नगा शांति वार्ता 2020 की शुरुआत में ही तब पटरी से उतर गई जब नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-(इसाक मुइवा) (एनएससीएन-आईएम) के नेता टी. मुइवा ने वार्ताकार और नागालैंड के राज्यपाल आर.एन. 2015 में हस्ताक्षरित समझौते की रूपरेखा पर विवाद खड़ा कर दिया।