मिजोरम विधानसभा ने मंगलवार को देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के किसी भी कदम के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। गृह मंत्री लालचामलियाना ने प्रस्ताव पेश किया, जिसमें कहा गया कि यह सदन भारत में यूसीसी लागू करने के किसी कदम या प्रस्ताव का विरोध करने का आम राय से संकल्प लेता है।

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प्रस्ताव पेश करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यूसीसी को यदि लागू किया गया तो देश बिखर जाएगा, क्योंकि यह धार्मिक या सामाजिक परंपराओं, प्रथागत कानूनों, संस्कृतियों और मिजो लोगों समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों की परंपराओं को खत्म करने का एक प्रयास है।

लालचामलियाना ने आरोप लगाया कि यूसीसी को लागू करने के लिए पहले भी कई प्रयास किये गये थे, लेकिन यह अपनी विवादित प्रकृति के कारण अब भी अधर में है। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में राज्यसभा में यूसीसी लागू करने के लिए एक निजी विधेयक भाजपा सांसद की ओर से पेश किया गया था।

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मुख्यमंत्री जोरमथांगा, विपक्षी दल कांग्रेस के नेता जोडिंटलुआंगा, एकमात्र भाजपा विधायक बीडी चकमा, सत्ताधारी एमएनएफ के सदस्य सी लालमुआनपुइया और अन्य नेताओं ने प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया। चकमा ने कहा कि यूसीसी का विरोध करना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि अभी इसे लागू नहीं किया गया है। जोरमथांगा ने कहा कि यूसीसी के लागू करने से पहले इसका विरोध करने का यह सही समय है।