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मिजोरम के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरमथांगा ने दोहराया कि उनकी पार्टी अगले विधानसभा चुनावों में फिर से सत्ता में लौटेगी। मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होना है।
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जोरमथांगा ने असम की सीमा से सटे कोलासिब नगर में पार्टी के ब्लॉक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस का संख्या बल कम हो गया है और उसके कम ही सीटों पर चुनाव जीतने की संभावना है जबकि जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) अब अपने पुराने मुद्दे नहीं उठा सकती। उन्होंने कहा कि ऐसे में इसमें कोई शक नहीं है कि एमएनएफ फिर से सत्ता में लौटेगी। मौजूदा विधानसभा में एमएनएफ के 28 सदस्य हैं जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी ज़ेडपीएम के छह विधायक हैं तथा कांग्रेस के पांच एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक सदस्य है। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि लुंगलेई नगर परिषद (एलएमसी) चुनाव में एमएनएफ की जीत होगी।
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असम के साथ सीमा संबंधी संघर्ष की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य असम के साथ सीमा विवाद के दौरान मिजोरम ने एक भी पुलिसकर्मी नहीं खोया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने (असम) हमसे पीछे हटने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने यह कहना तब बंद कर दिया जब मैंने उनसे कहा कि अगर हमें अंतरराज्यीय सीमा से पीछे हटना पड़ा तो मैं पहले इस्तीफा दूंगा। उन्होंने कहा कि हमने अपने मिजो जातीय शरणार्थियों को मानवीय सहायता देने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जबकि केंद्र का निर्देश था कि उन्हें उनके देशों में भेजा जाए।
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