आईजोल। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा (Mizoram Chief Minister Zoramthanga) ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार और हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) नीत असम सरकार (Assam government) पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच काफी समय से लंबित सीमा विवाद का हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

जोरमथंगा ने कहा कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में सीमा मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री, मिजोरम और असम सरकारें वार्ता के जरिए सीमा विवाद का हल करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल कर अपनी टीम गठित करने पर सहमत हुई। 

उन्होंने कहा कि सीमा विवाद हल करने के लिए हमने विपक्षी दलों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों की भागीदारी वाली टीम गठित करने का फैसला किया। दोनों राज्य समय-समय पर मुख्यमंत्री स्तरीय वार्ता करने को सहमत हुए। 

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार 1873 के बंगाल पूर्वी सीमांत नियम के तहत 1875 में अधिसूचित आंतरिक रेखा रिजर्व वन की 509 वर्ग मील लंबी पट्टी पर दावा करेगी, इस पर जोरमथंगा ने कहा कि उप मुख्यमंत्री ताउनलुइया की अध्यक्षता में गठित सीमा आयोग को इस मुद्दे पर एक रुख तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। अभी दोनों राज्यों के बीच संबंध बहुत सौहार्द्रपूर्ण है। इस बीच एक गैर सरकारी संगठन ने रिजर्व वन की 509 वर्ग मील पट्टी असम से लेने के लिए कदम उठाने का मिजोरम से आग्रह किया है।