/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/02/06/01-1612597016.jpg)
पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद अब मिजोरम की सीमा पर घुसपैठ की संभावना को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बीते दिनों म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई आंग सान सू ची की सरकार के खिलाफ तख्तापलट करते हुए सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है, जिसे लेकर भारत में उथल-पुथल मची हुई है। ऐसे में मिजोरम में म्यांमार से भागकर आए शरणार्थियों के घुस आने की आशंका है, जिसे लेकर चम्पई जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया गया है।
भारत का मिजोरम राज्य म्यांमार के साथ लगभग 510 किमी लंबी सीमा साझा करता है, ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि म्यांमार में राजनीतिक उत्पीड़न की आशंका से भागकर आए शरणार्थी भारत में घुस सकते हैं। चम्पई जिला जो म्यांमार के साथ लगा हुआ मुख्य जिला है, के डिप्टी कमिश्नर मारिया सीटी जुआली ने साफ निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिन गांवों में ऐसे शरणार्थियों के आने की आशंका है, उनकी पूरी रिपोर्ट प्रशासन को दी जाए।
डिप्टी कमिश्नर जुआली ने मंगलवार को जिले के लोगों, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि अगर म्यांमार का कोई भी नागरिक भारत में शरण लेने के लिए प्रवेश करता है या प्रवेश करने की कोशिश करता है, तो उसकी खबर होते ही इस बात की सूचना प्रशासन को तुरंत दी जाए। उन्होंने कहा, “अगर कोई भी शरणार्थी सीमा से लगे इलाकों में जिला प्रशासन या ग्राम सभाओं की सूचना के बिना प्रवेश करता है, तो उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और स्थानीय लोगों को सावधान करना चाहिए।”
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हालांकि, सैन्य तख्तापलट के बाद अब तक म्यांमार के किसी भी नागरिक ने जिले में प्रवेश नहीं किया है, लेकिन यहां शरणार्थी का दर्जा पाने वाले लोगों की कुछ रिपोर्ट्स सामने आई हैं। उन्होंने कहा, “हमने कुछ ग्राम सभाओं से ऐसी खबरें सुनी हैं। हालांकि ऐसे अवैध प्रवासियों के सामने आने पर इनके साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए, इस बारे में चर्चा करने के लिए गुरुवार को हम एक बैठक कर रहे हैं। सुरक्षा के लिए हमें ऐसे हर एक व्यक्ति और भारत में प्रवेश करने की कोशिश करने वालों पर कड़ी नजर बनाए रखनी होगी, ताकि कोई भी आतंकी या उग्रवादी भारत में घुसने की कोशिश न कर सके।”
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |