शिलॉन्ग। चेरी ब्लॉसम महोत्सव (Cherry Blossom Festival) के दूसरे दिन हिंसा और हंगामे की खबर है। कहा जा रहा है कि कुछ लोगों को उस मैदान में एंट्री नहीं दी गई जहां ये कार्यक्रम चल रहा था। इसके बाद नाराज़ लोग पुलिस से भिड़ गए। बाद में पुलिस को अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। फिलहाल किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है।

शाम को जेएन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद लोगों का एक समूह नाराज हो गया। इन्हें कहा गया कि शाम 7 बजे के बाद एंट्री नहीं होगी। बाद में एक मजिस्ट्रेट ने नाराज़ भीड़ को समझाने की कोशिश की। लेकिन ये सब नहीं माने। इसके बाद, गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की। पुलिस पर बोतलें भी फेंकी गईं। बाद में पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले दागे गए। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। लेकिन कई लोग प्रवेश द्वार के आसपास के अंधेरे का फायदा उठाक भाग गए।

बता दें कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Meghalaya Chief Minister Conrad Sangma) और भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी (Japan's Ambassador Satoshi Suzuki) ने बृहस्पतिवार को यहां ‘वार्ड्स लेक’ पर तीन दिवसीय ‘चेरी ब्लॉसम महोत्सव’ का उद्घाटन किया। साल के इस समय राजधानी समेत पूरे राज्य में गुलाबी चेरी ब्लॉसम फूल खिलते हैं इसलिए महोत्सव को इसका नाम दिया गया है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण इस लोकप्रिय कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।

इस अवसर पर शिलांग साहित्य महोत्सव के प्रथम संस्करण का भी उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें खुशी है कि इस साल एक बार फिर चेरी ब्लॉसम महोत्सव की मेजबानी करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इसे एक वार्षिक कार्यक्रम बनाने का प्रयास कर रही है तथा इसमें संगीत, कला और संस्कृति का समावेश करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्र में जहां इतनी प्रतिभा है, यह लोगों को केवल एक मंच देने की बात नहीं है बल्कि उन्हें एक साथ आकर सीखने और अपने विचारों का आदान प्रदान करने का अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम भी है।’