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जलवायु के दृष्टिकोण से भारत की मिट्टी में अपरिमित क्षमताएं हैं। इसीलिए भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। लेकिन कुछ ऐसे भी उत्पाद हैं जिनके लिए भारत को विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसा ही एक फल है कीवी।
सेहत के लिए रामबाण माना जाने वाला कीवी कल तक इटली और न्यूजीलैंड से आयात किया जाता था, क्योंकि यहां की जलवायु कीवी उत्पादन योग्य नहीं मानी जाती थी। लेकिन मेघालय की महिला कृषक मिदलिस लिंगदोह ने मेघालय सरकार और यहां के युवा मुख्यमंत्री कॉनरॉड संगमा की मदद से इस भागीरथ प्रयास में सफलता पाई।
पिछले कुछ वर्षों से देश के महानगरों एवं बड़े शहरों में कीवी की मांग बढ़ रही है। क्योंकि सेहत के लिए यह बहुत उपयोगी फल है। डेंगू के लिए तो यह रामबाण इलाज है ही, साथ ही इसमें संतरा की तुलना में पांच गुना ज्यादा विटामिन-सी होता है। स्वाद में थोड़े खट्टे थोड़े मीठे कीवी में विटामिन्स, पोटेशियम, कॉपर एवं फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाये जाने के कारण इसे सुपर फ्रूट भी कहा जाता है।
लगभग 70 ग्राम फ्रेश कीवी फ्रूट में विटामिन सी 50%, विटामिन के 1%, कैल्शियम 10%, फाइबर 8%, विटामिन ई 60%, पोटैशियम 6% पाया जाता है। इसमें निहित एंटी ऑक्सीडेंट शरीर को रोगों से बचाने का काम करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह स्वास्थ के लिए बहुत जरुरी होता है। हांलाकि चिकित्सक यह भी कहते हैं कि कीवी का बहुत ज्यादा सेवन सेहत के लिए घातक भी साबित हो सकता है।
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