शिलॉन्ग से लोकसभा सदस्य विन्सेंट एच. पाला ने केंद्र सरकार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षाओं में शामिल होने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रतिभागियों के लिए प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति योजना शुरु करने की मांग की है। 

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नॉर्थ ईस्ट एमपी फोरम के महासचिव पाला ने केंद्रीय डोनर मंत्री जी. किशन रेड्डी को लिखे पत्र में कहा कि असम और मणिपुर के छोड़कर सिविल सेवाओं में पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की भागीदारी काफी कम है। राज्य सरकारों के तमाम प्रयासों के बावजूद 2017 में पूर्वोत्तर के केवल 24 उम्मीदवारों ने सीएसई पास किया, जो इस क्षेत्र से अब तक का सबसे अधिक है। पाला ने कहा कि हालांकि ये आंकड़ें अभी भी काफी कम हैं। 

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पाला के अनुसार 2018 में 13, 2019 में 11 और 2020 में 9 उम्मीदवारों ने सीएसई पास किया था। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर के कई मेधावी छात्र हैं, लेकिन मार्गदर्शन और पर्याप्त सुविधाओं की कमी के कारण वे सफल नहीं हो पा रहे हैं। शिलॉन्ग के सांसद ने कहा कि इसलिए दिल्ली या संबंधित राज्यों की राजधानियों में कोचिंग लेने के लिए योग्य और जरूरतमंद सिविल सेवा उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए डोनर मंत्रालय की ओर से तत्काल हस्तक्षेफ की जरुरत है।  पाला ने आगे कहा कि छात्रवृत्ति राशि को पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में समान रूप से वितरित किया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस योजना के माध्यम से अच्छी सफलता दर और क्षेत्र में उपस्थिति वाले राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कोचिंग संस्थान की तुरंत पहचान की जानी चाहिए।