मेघालय सरकार ने यूरेनियम के तरल कचरे के टैंक से लीकेज की खबरों की जांच कराने का निर्णय किया है। कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), सिविल सोसायटी समूहों, ग्राम पंचायतों के प्रमुखों ने यूरेनियम वेस्ट स्टोरेज टैंक से वेस्ट खासी हिल्स जिले में रेडियो एक्टिव किरणोंके उत्सर्जन की शिकायत की थी। मेघायल के उप मुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसोंग ने शनिवार को कहा कि विशेषज्ञों का पैनल खासी हिल जिले से लगातार आ रहीं ऐसी शिकायतों की जांच करेगा।

तिनसोंग ने कहा कि शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई, जिसमें वेस्ट खासी हिल्स के दोमियासियात इलाके से विकिरण उत्सर्जन की खबरों की तहकीकात के लिए विशेषज्ञ समूह से जांच कराने का निर्णय किया गया। राज्य के मुख्य सचिव एमएस राव को पैनल गठित करने की जिम्मेदारी दी गई है। संगमा ने भरोसा दिया था कि विशेषज्ञों और सरकारी एजेंसियों ने कंक्रीट के टैंकों की जांच की है। उन्हें आश्वस्त किया है कि टैंकों से किसी प्रकार का रिसाव नहीं हो रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि दोमियासियात-नोंगबाह-जिरिन इलाके में चार यूरेनियम कचरा भंडारण टैंक और दो अन्य जलाशयों में बड़ी दरारें साफ दिखाई दे रही हैं, जिसके कारण खतरनाक रसायन वातावरण में फैल रहा है। यूरेनियम उत्खनन के दौरान यहां कुछ दशक पहले ये स्टोरेज टैंक बनाए गए थे।

आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद मेघालय देश में यूरेनियम का तीसरा सबसे बड़ा भंडार है। अनुमान के मुताबिक, यहां 9.22 करोड़ टन यूरेनियम का भंडार है। अधिकारियों का कहना है कि यूरेनियम उत्खनन के लिए अक्सर इस इलाके में खुदाई की जाती है और इस दौरान निकले कचरे के भंडारण के लिए ऐसे टैंक बनाए जाते हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग मेघालय से यूरेनियम उत्खनन के लिए बड़ा अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहा है। लेकिन स्थानीय लोग इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।