मेघालय के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने कोविड-19 (corona cases in meghalaya) के लिए नई मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी की है। इसके तहत राज्य में प्रवेश करने के लिए लोगों को या तो नकारात्मक आरटी-पीसीआर रिपोर्ट (RT-PCR report) पेश करनी होगी या अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पी सम्पत कुमार (Principal Secretary P Sampath Kumar) ने कहा, प्रवेश बिंदुओं पर परीक्षण उनके लिए भी जारी रहेगा, जिन्होंने दोनों टीके लगवा लिये हैं। यह व्यवस्था कोविड मामलों (corona cases in meghalaya) में उछाल के दौरान और अगले आदेश आने तक जारी रहेगी। नये एसओपी में स्पष्ट किया गया है, निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट (Negative RT-PCR Test) रिपोर्ट पेश करने वाले आगंतुकों का परीक्षण आगमन से 72 घण्टे पहले किसी मान्यता प्राप्त लैब का होना चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लक्षणहीन होने पर उनका परीक्षण नहीं किया जाएगा। कुमार ने कहा कि कोविड परीक्षण केंद्रों पर परीक्षण कराने वाले लोगों को परिणाम आने तक खुद को घर या अपने ठहरने की जगह में आइसोलेट करना होगा। नये एसओपी के अनुसार, व्यक्ति का कोविड टेस्ट (Covid Test) तभी किया जाएगा, अगर व्यक्ति में कोरोना के जैसे कोई लक्षण हों। कुमार ने बताया,  लक्षणविहीन रोगियों को कोविड परीक्षण से छूट दी जाएगी जब तक कि इलाज करने वाले डॉक्टरों द्वारा इसकी सिफारिश नहीं की जाती है। यह कदम कोविड के अलावा अन्य सभी चिकित्सा स्थितियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए उठाया गया है। वरिष्ठों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना के लक्षण होने या कोविड संक्रमित पाए जाने पर खास तवज्जो दी जाएगी। कुमार ने कहा कि कोविड-19 के दो चरणों में आने वाले डेल्टा वेरियेंट (delta variant) को प्रकृति को देखते हुए शीघ्र परीक्षण और उपचार बहुत महत्वपूर्ण है। 

नए नियमों में यह भी कहा गया कि कोरोना संक्रमित मरीजों का टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें सात दिन के लिए आइसोलेशन से गुजरना होगा। साथ ही मरीज में आइसोलेशन खत्म होने के तीन दिन पहले से बुखार या कोविड के अन्य लक्षण नहीं होने चाहिए। स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी कहा कि सभी सकारात्मक मामलों को आइसोलेशन अवधि के दौरान अपनी स्थिति का स्वयं-निरीक्षण करना होगा। अगर वह सांस फूलने जैसे गंभीर लक्षण महसूस करते हैं तो उन्हें फौरन चिकित्सा सहायता मांगनी होगी, हालांकि क्वॉरंटाइन (quarantine) या आइसोलेशन (isolation) में यदि टीका न लगवाने की व्यक्ति की स्थिति में पांच दिन तक कोई सुधार नहीं होता तो उन्हें फौरन चिकित्सा सहायता लेनी होगी। नए प्रोटोकॉल में कहा गया है, सभी लक्षणविहीन रोगियों और उच्च जोखिम वाले संपर्कों को पांच दिनों के लिए क्वॉरंटाइन में रहना होगा। उन्हें पांच अतिरिक्त दिनों के लिए दूसरों के आसपास मास्क पहनना जारी रखना होगा। घर पर क्वॉरंटाइन पूरा करने वाले लोगों को किसी भी निर्वहन प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। विभाग ने सभी पात्र लोगों से कोविड का टीका लगवाने का भी अनुरोध किया।