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मेघालय विधानसभा के लिए मतदान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के एम3 मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है। मेघालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी फ्रेडरिक रॉय खारकोंगोर ने सोमवार को बताया कि चुनाव के लिए लगभग पांच हजार ईवीएम को काम में लिया जा रहा है। ईवीएम का नया मॉडल एम 3 वजन में हल्का और स्लिक है। लिहाजा इसकों एक स्थान दूसरे स्थान पर ले जाना और जगह बदलना आसान होता है।
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ईवीएम के एम3 मॉडल में इसके सभी घटकों के बीच आपस में प्रमाणीकरण मजबूत क्षमता है। ईवीएम के सभी घटकों जैसे बीयू, कंट्रोल यूनिट (सीयू) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के बीच आपसी प्रमाणीकरण को विभिन्न उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल के उपयोग से मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि एम2 ईवीएम की तुलना में जिसमें केवल 4 बैलेट यूनिट को एक साथ जोड़ा जा सकता था, एम3 ईवीएम में 24 बैलेट यूनिट को एक साथ जोड़ा जा सकता है। प्रत्येक बीयू 16 उम्मीदवारों (नोटा सहित) को संभालने में सक्षम है, यह सुविधा एम3 ईवीएम का उपयोग करके प्रति निर्वाचन क्षेत्र में 384 उम्मीदवारों को संभालने की संभावना को सक्षम बनाती है। इसलिए, एम3 ईवीएम अपने संचालन में अत्यधिक मापनीय हैं।
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि नई वोटिंग मशीन की एक और अनूठी विशेषता अनधिकृत एक्सेस डिटेक्शन मॉड्यूल (यूएडीएम) है, जो एम3ईवीएम में एम्बेडेड एक सुरक्षात्मक सर्किट/फीचर है। खारकोंगोर ने कहा, माइक्रोकंट्रोलर या ईवीएम की मेमोरी तक पहुँचने के किसी भी अनधिकृत प्रयास के मामले में, यूएडीएम स्वचालित रूप से मशीन को फैक्टरी मोड में डाल देता है जिससे यह पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाती है। इसके बाद मशीन को केवल कारखानों में ही ठीक किया जा सकता था। यह फीचर इस ईवीएम को किसी भी तरह की छेड़छाड़ से रहित बनाता है।
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