शिलांग। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने रविवार को कहा कि यहां स्थित केंद्रीय हिंदी संस्थान (KHS) केंद्र हिंदी शिक्षकों और भाषा सीखने और शोध करने के इच्छुक लोगों के लाभ के लिए काम करेगा। प्रधान ने कहा कि केएचएस केंद्र मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों की जरूरतों को पूरा करेगा।

प्रधान ने नये केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर मेघालय सरकार (meghalaya Government) को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया, जिसमें इस महत्वपूर्ण संस्थान की स्थापना के लिए यहां पास स्थित मावदियांगदियांग में भूमि मुहैया कराना भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘यहां पास स्थित केंद्रीय हिंदी संस्थान केंद्र हिंदी के शिक्षकों और भाषा में सीखने और शोध करने के इच्छुक लोगों के लाभ के लिए काम करेगा और मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों की जरूरतों को पूरा करेगा।’

प्रधान ने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 देश के शिक्षा परिदृश्य को बदलने, वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करने और इसके प्रभाव को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि एनईपी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करना है और सरकार निर्धारित समय सीमा के भीतर लक्ष्य हासिल करने का प्रयास कर रही है।

इस देश की संस्कृति, भाषा और परंपरा की विविधता और इस विविधता के बीच सह-अस्तित्व को स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस भाषा की सुंदरता के कारण ही लोग एक-दूसरे की परंपरा और समृद्ध विरासत को साझा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि मेघालय में लगभग 3.5 लाख कॉलेज जाने वाले छात्र हैं। उनकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल, उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने और उनके अंदर मौलिक शोध के मूल्यों को आत्मसात करने के लिए एक अनुकूल वातावरण का निर्माण करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस प्रयास की दिशा में पहला कदम भाषा सीखने की प्रक्रिया को सरल बनाना होगा।’