मेघालय (Meghalaya) की दो विधानसभा सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव (By-election) के मद्देनजर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Meghalaya Congress) के लिए अपनी पार्टी को समेटे रखना कठिन हो रहा है।

यहां दो सीटों माउफलेंग और मावरिंगक्नेंग के लिए 30 अक्टूबर को होने जा रहे मतदान के लिए कांग्रेस ने सिर्फ एक ही उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। कांग्रेस सिर्फ माउफलेंग सीट से ही चुनाव लड़ रही है जबकि एक अन्य सीट मावरिंगक्नेंग से किसी नेता ने टिकट नहीं मांगी है। इसके विपरीत पार्टी के कई दिग्गज नेता अन्य पार्टियों की टिकट लेने में लगे रहे।

मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Meghalaya Pradesh Congress Committee) के कार्यकारी अध्यक्ष तथा उपचुनाव प्रभारी अंपारिन लिंगदोह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चार बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे मारबोह इस उपचुनाव में टिकट मांगने के बदले आनन-फानन में पार्टी छोड़कर चले गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ एनपीपी ने धन का लालच देकर मारबोह को अपने पक्ष में कर लिया है।

मेघालय कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने इस बात को लेकर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि कांग्रेस के डी शीरा ने भी कांग्रेस से टिकट के लिए अप्लाई नहीं किया। उल्लेखनीय है कि डी शीरा सत्तारूढ़ घटक दल यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी यानी यूडीपी (UDP) से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

दूसरी ओर उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस उम्मीदवार को हराने के लिए सत्तारूढ़ एनपीपी (NPP) कांग्रेस उम्मीदवार के विरुद्ध मारबोह को ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए पीठ ठोक रही है। कांग्रेस का आरोप है कि सत्तारूढ़ एनपीपी धनबल के बल पर कांग्रेस नेताओं को खरीदने में लगी हुई है।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस छोड़कर सत्तारूढ़ पार्टियों की ओर रुख करने वाले नेताओं के पास रुपये की कोई कमी नहीं है। दरअसल, इन्हें अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है। कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लगातार लिए जा रहे निर्णय से कांग्रेस के पुराने नेताओं के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर दूर-दूर तक पूर्वोत्तर में कांग्रेस की वापसी इन्हें नहीं दिख रही है। यही वजह है कि उपचुनाव के मौके पर पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता सत्तारूढ़ एनपीपी तथा इसके घटक दल यूडीपी की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि, मेघालय का राजनीतिक इतिहास रहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी के साथ यहां के सभी नेता चले जाते हैं।

एक समय था जब कांग्रेस (Congress) का मेघालय (Meghalaya) में एकछात्र राज चलता था लेकिन, दिग्गज कांग्रेस नेता तथा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा (P A sangma) द्वारा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का विरोध करते हुए कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाए जाने के बाद से कांग्रेस का एकछत्र राज टूट गया। वहीं, नेडा गठबंधन का जलवा यहां भी इस प्रकार छाया कि ईसाई बहुल राज्य होते हुए भी मेघालय में कांग्रे