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देश के कई हिस्सों में मौसम के एक बार फिर करवट लेता नजर आ रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में हल्की ठंडक लौट आई है। उत्तर प्रदेश में अगले दो-तीन दिनों तक लोगों को गर्मी की तपिश परेशान करेगी। यहां पूरे राज्य में इस हफ्ते शुष्क मौसम रहने का अनुमान है।
आईएमडी ने जानकारी दी है कि उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्पन्न हुआ है जिसका असर भारत के भी कुछ हिस्सों पर देखने को मिलेगा। भारत मौसम विभाग पहले ही पूर्वानुमान लगा चुका है कि मार्च से लेकर मई तक अधिकांश जगहों पर तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है।
हिंदी पंचांग के अनुसार, अभी फाल्गुन/फागुन का महीना चल रहा है। अमूमन इस दौरान मौसम न बहुत ज्यादा गर्म होता है और न ही बहुत ज्यादा ठंडा। लेकिन, फिलहाल जिस तरह की गर्मी पड़ रही है, वह जेठ (मई-जून) का एहसास दिला रही है। मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस रहा. सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा की ओर बढ़ रहा है। यही वजह है कि झारखंड के सभी हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक है।
आईएमडी के मुताबिक इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण 3 और 4 मार्च को जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में बारिश के साथ बर्फबारी होने के आसार हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के भी अधिकांश हिस्सों में 3 और 4 मार्च को बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इसके साथ ही बुधवार को इन सभी जगहों पर बर्फीले तूफान की भी आशंका है।
मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्पन्न हो रहा है। यह 5 मार्च से प्रभाव डालना शुरू कर देगा। इसके प्रभाव के कारण 6 से 8 मार्च तक क्षेत्र में भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है। अगले दो से तीन दिन तक अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी तेज गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। 4 मार्च को असम और मेघालय में तूफान भी आने की आशंका है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 121 सालों के औसत तापमान के आधार पर, जनवरी सर्दियों का तीसरा सबसे गर्म महीना था वहीं न्यूनतम तापमान के आधार पर फरवरी दूसरा सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। उत्तर पश्चिमी भारत के लिए फरवरी में न्यूनतम और औसत तापमान वर्ष 1901 से लेकर अब तक के कालखंड में सबसे ज्यादा रहा। वर्ष 1901-2021 के बीच किया गया विश्लेषण यह दिखाता है कि जनवरी 2021 में अखिल भारतीय औसत न्यूनतम तापमान 14.78 डिग्री सेल्सियस था। वर्ष 1919 में जनवरी का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस था और यह अब तक की सबसे गर्म जनवरी थी। आईएमडी ने कहा, “इसलिए जनवरी 2021, वर्ष 1958 के बाद से 62 साल में सबसे गर्म महीना था।
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