कोरोना महामारी ने पिछले साल देश में तबाही मचा रखी है। कोविड-19 की पहली लहर की तुलना में देश में दूसरी लहर ने ज्यादा तबाही मचाई है। इसी तरह से मेघालय ने इस साल कम खर्च किया है। यह दावा मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सोमवार को शिलांग में किया। सीएम संगमा ने बताया कि मेघालय सरकार को कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य के उन निवासियों को घर वापस लाने पर बहुत पैसा खर्च किया गया जो दूसरे राज्यों में फंस गए थे। सीएम कॉनराड संगमा ने कहा, “दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को घर वापस लाने में लगभग 60-70 करोड़ रुपये खर्च किए गए।” उन्होंने कहा कि 'हमने इस साल खर्चों को कम करने की कोशिश की है। सीएम कोनराड संगमा ने यह भी बताया कि मेघालय में फिलहाल 90,000 कोविड-19 का स्टॉक है।

संगमा ने आगे कहा कि "एक दो दिनों में 40,000 और टीके राज्य में पहुंच जाएंगे।" कोनराड संगमा ने सोमवार को राज्य में कोविड-19 टीकाकरण अभियान की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक की। मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने कहा कि "यह देखने के लिए उत्साहजनक है कि संख्या बढ़ी है लेकिन इसे अपने इष्टतम स्तर तक पहुंचने की जरूरत है। आने वाले सप्ताह में हम निर्वाचित प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी के साथ दोगुनी संख्या के लिए एक नियोजित दृष्टिकोण के साथ जाएंगे ”।


उन्होंने कहा कि “विधायकों और एमडीसी को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और टीकाकरण के लिए अपने संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से मिलकर काम करते हैं। सभी संबंधितों को एक निश्चित योजना के साथ टीकाकरण प्रयास करने की सलाह दी।