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हिल स्टेशन मेघालय राज्य की राजधानी शिलॉन्ग (Shillong) को 'पूर्व का स्कॉटलैंड' (scotland of the east) भी कहा जाता है। यहां की नदियां, चिड़ियाघर, म्यूजियम, ट्रेक पॉइंट, झरने पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र (Best places to visit in Shillong) हैं। यह शहर अपनी सुंदरता, विरासत और परंपराओं के लिए जाना जाता है। शिलॉन्ग में घूमने के लिए कई सारे टूरिस्ट स्पॉट हैं, जो इस शहर को खास बनाते हैं।
एलीफेंट फॉल्स
एलीफेंट फॉल्स शिलॉन्ग (Elephant Falls Shillong) का सबसे खूबसूरत झरना है। इस झरने के नीचे एक बड़ी सी चट्टान है, जो बिल्कुल हाथी की तरह दिखाई देती है। इसी कारण से इस जगह को एलीफेंट फॉल्स का नाम दिया गया। इससे तीन छोटे-छोटे झरने और निकलते हैं और हरियाली से घिरी इस शांत जगह में पानी की आवाज आपके कानों को एक सुकून पहुंचाती है। वहीं इस जगह पंजाब से घूमने आए मनिंदर सिंह का कहना है कि ये झरना अपने आप में अद्भुत है। वे कहते हैं कि परिवार के साथ यहां आकर काफी मजा आया। अब ऐसा लग रहा है कि ये ट्रिप शानदार रही। उन्होंने कहा कि पूरा शिलॉन्ग अपने आप में खूबसूरती का खजाना है। यहां के संस्कृति देख वे काफी प्रभावित हुए।
उमियम लेक
मेघालय की संपूर्णता में सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक, उमियम झील (Umiam Lake Shillong) एक अनूठा पर्यटन स्थल है। यह एक जलाशय है जिसे 1960 के दशक में उमियाम नदी पर बनाया गया था और तब से यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसका नीला पानी और झील की सुंदरता वास्तव में मंत्रमुग्ध करने वाली है। आप यहां बोटिंग, क्रूजिंग आदि का लुत्फ उठा सकते हैं। वहीं इस जगह अपने दोस्तों के साथ दिल्ली से आई मनीषा गुप्ता इस झील को जन्नत मानती हैं। मनीषा यहां आकर बेहद खुश नजर आईं। उन्होंने कहा कि यहां की साफ-सफाई देख मन खुश हो गया। यहां के मौसम में अलग सा जादू है। अब वापस जाने का मन भी नहीं कर रहा है।
डॉन बोस्को म्यूजियम
मेघालय की जनजातीय संस्कृति और सांस्कृतिक इतिहास के बारे में जानने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक डॉन बॉस्को संग्रहालय (Don Bosco Museum Shillong) है। संग्रहालय में स्वदेशी लेखों और कलाकृतियों का एक प्रभावशाली संग्रह है जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि के जरिए पूरे नॉर्थ-ईस्ट भारत को दर्शाता है। इस संग्रहालय में सात मंजिलें और 17 गैलरीज हैं, जहां आपको क्षेत्रीय कलाकृति, पोशाक, हस्तशिल्प आदि बहुमूल्य चीजें देखने को मिलेंगी। यहां मिले गुजरात के सेवानिवृत अधिकारी गोपालदास टंडन का कहना है कि उन्हें हमेशा से अलग-अलग संस्कृतियों का जानने का शौक है। ऐसे में यह जगह मेरे लिए किसी खजाने से कम नहीं है। यहां मेघालय की जनजातीय संस्कृति और सांस्कृतिक इतिहास (Don Bosco Museum Shillong) को बेहद करीब से जानने का मौका मिला।
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