मणिपुर राज्य की राजधानी में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी महिलाओं द्वारा संचालित बाजार ‘इमा कीथल’ या ‘मदर्स मार्केट’ को औपचारिक रूप से 11 महीने बाद सोमवार को फिर से खोल दिया गया, जिससे 3,600 से अधिक महिला व्यवसायियों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। बाजार, जिसका 500 से अधिक वर्षो का इतिहास है, कोविड-19 महामारी के बीच एक निवारक उपाय के रूप में 21 मार्च, 2020 को बंद कर दिया गया था।

बाजार फिर से खुलने के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने घोषित किया कि बाजार की महिला विक्रेताओं को साल के वेंडर लाइसेंस शुल्क से छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकार ने महामारी के दौरान महिला विक्रेताओं को होने वाली कठिनाई को देखते हुए यह फैसला लिया, क्योंकि बाजार करीब एक साल तक बंद रहे।” सिंह ने महिला विक्रेताओं से बाजार क्षेत्र के रखरखाव और सफाई कार्य के लिए महीने में एक बार सरकार को एक दिन आवंटित करने की भी अपील की।

उन्होंने कहा, “कोविड से पैदा हुए हालात में महत्वपूर्ण रूप से सुधार के साथ इमा कीथल को फिर से खोलने को लेकर बेहद खुश हूं।” उन्होंने कहा कि 21 मार्च, 2020 से इमा कीथल को समय पर बंद करने से महामारी नियंत्रण में काफी हद तक मदद मिली। सभी इमा को उनके समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद। इससे पहले, उन्होंने ट्वीट किया था, “बड़े बाजार में व्यापारिक गतिविधियों को बंद करने के बाद, पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई, विशेष रूप से इमा मार्केट की महिला विक्रेताओं की, जो अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाली सदस्य हैं।”

ओशल रिसर्चर टोंडना कोम के एक अध्ययन में पता चला है कि इस बड़े बाजार के बंद होने से 3,879 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पिछले 45 वर्षों से इमा मार्केट में विक्रेता लैशराम मेमा ने कहा, “सरकार द्वारा पिछले साल मार्च में लॉकडाउन की घोषणा के बाद, दैनिक वेतन भोगी गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे।” उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने सौ से अधिक विक्रेताओं के लिए बैंक ऋण की व्यवस्था की थी, लेकिन कई लोगों की आर्थिक कठिनाइयों ने शिक्षा, मेडिकल ट्रीटमेंट सहित विभिन्न गतिविधियों को प्रभावित किया।

इम्फाल के लेखक और राजनीतिक टिप्पणीकार इबोयेइमा लैथांगबम ने कहा कि इमा मार्केट में उपभोक्ता वस्तुओं, स्थानीय मणिपुरी वस्तुओं और उत्पादों और कपड़ों सहित विभिन्न वस्तुओं की बिक्री करने वाले एक ही क्षेत्र में तीन अलग-अलग परिसर हैं। उन्होंने आईएएनएस को बताया, “ब्रिटिश काल से, इमा कीथल केवल एक साधारण बाजार या व्यापारिक केंद्र नहीं रह गया है, बल्कि विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर और गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ अभियान एक शीर्ष केंद्र के रूप में विकसित हुआ है।”

उन्होंने कहा कि सदियों से बाजार पुरुषों के वर्चस्व वाले मणिपुरी समाज में महिलाओं के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक अन्य मणिपुरी बुद्धिजीवी और लेखक राजकुमार कल्याणजीत सिंह ने कहा कि पुरुष ‘इमा मार्केट’ से कुछ भी खरीद सकते हैं, लेकिन वे वेंडर या सेलर नहीं हो सकते। सिंह ने आईएएनएस को बताया कि पारंपरिक पोशाक पहने हुए मणिपुरी महिलाएं अपनी दुकानों और स्टालों का संचालन करती हैं और कभी-कभी विभिन्न पारंपरिक त्योहारों और कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। महिला विक्रेताओं ने एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करने और नए विक्रेताओं का मार्गदर्शन करने में मदद की।