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नई दिल्ली। हाल ही में मणिपुर (manipur attack) के चुराचांदपुर जिले में असम राइफल्स के(Assam Rifles) वरिष्ठ अधिकारी विप्लव त्रिपाठी (Biplav tripathi) व उनके परिवार और चार अन्य कर्मियों की हत्या पर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने मंगलवार को कहा कि हमले में किसी भी तरह के विदेशी हाथ की संलिप्तता का संकेत देने के लिए कोई निश्चित जानकारी नहीं है।
मंत्रालय ने हाल ही में असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से सूचित किया कि घटना में शामिल विद्रोहियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा आसपास के क्षेत्रों में एक व्यापक अभियान चलाया गया था।
मंत्रालय ने कहा कि अधिकारी पर हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि मणिपुर स्थित दो प्रतिबंधित विद्रोही संगठनों - पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (MNPF) ने 13 नवंबर को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव के पास हुए आतंकी हमले और घातक हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अपने बयान में विद्रोही समूहों ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि कमांडिंग ऑफिसर अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहा था और सीओ की पत्नी और उनके आठ साल के बेटे की हत्या पर खेद व्यक्त किया, जो मणिपुर में घात लगाकर किए गए काफिले का हिस्सा थे।
हालांकि, उन्होंने सुरक्षा बलों को उनके परिवार के सदस्यों को ऐसे स्थान पर लाने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी इस क्षेत्र को भारत सरकार द्वारा 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया है।
इस बीच, चुराचांदपुर में सिंगनघाट उपमंडल के तहत लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि सुरक्षा बल और राज्य अर्धसैनिक बल हाई अलर्ट पर हैं।
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