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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी के कई मामलों में मणिपुर सिविल सेवा के दो कैडर सहित नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है। बीरेन ने शुक्रवार को यहां सचिवालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न अधिकारियों ने भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर किया था और जांच के बाद इन सभी को निलंबित करने का निर्णय लिया गया था।
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निलंबित होने वालों में एमसीएस गोवर्धन सिंह, एमसीएस सैमसन ह्यूड्रोम, एल/ए एसडीसी जी चिंग्लेनसाना काबुई, मंडोल एम सनतोम्बा सिंह, मंडोल एल बिश्वनाथ सिंह,मंडोल एमडी हसन, मंडोल टी हेमजीत सिंह शामिल हैं। इसके अलावा दो सेवानिवृत्त अधिकारी ओ. मुनाल सिंह और मो. जहांगीर भी कुछ मामलों में संलिप्त पाए गए जिन्हें हिरासत में रखा गया है। इन आरोपियों पर भूमि के अवैध हस्तांतरण, वन और सरकारी भूमि पर पट्टा जारी करने के कई मामले दर्ज हैं।
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बीरेन ने कहा कि राज्य सरकार कुछ मुद्दों को हल करने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है, जो राज्य की बिगड़ती स्थिति के प्रमुख कारण थे। उन्होंने कहा कि शासन केवल बुनियादी ढांचे का विकास नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों की बेहतरी और पर्यावरण के संरक्षण के लिए गतिविधियां करना भी है। उन्होंने नौकरशाहों की जिम्मेदारी और उनके प्रति लोगों के विश्वास का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को ईमानदारी और समर्पण के साथ अपनी सेवा देने तथा किसी भी गलत गतिविधि को करने से परहेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकार की ओर से उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने से पहले स्वेच्छा से बाहर आने और किसी भी गलत काम को सुधारने के लिए कहा, यदि पहले किया गया हो। मुख्यमंत्री ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की सरकार की पहल में सहयोग के लिए राज्य की न्यायपालिका के प्रति संतोष व्यक्त किया। उन्होंने आगे जनता से अपील की कि वे अपना काम पूरा करने के लिए किसी भी सरकारी अधिकारी की पैरवी न करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से खड़ी है और इसे राज्य से जड़ से खत्म करने की कोशिश कर रही है।
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