इंफाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को वर्चुअल तरीके से मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के लुआंगकाओ गांव में रानी गैदिनल्यू आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय (Rani Gaidinliu Tribal Freedom Fighters Museum) की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा (Chief Minister N. Biren Singh and Union Minister for Tribal Affairs Arjun Munda) ने यहां सिटी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया। यहीं मुख्य समारोह का आयोजन किया गया था। 

शाह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए योगदान का सम्मान करते हुए संग्रहालय का निर्माण किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के संग्रहालय के निर्माण और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने से देश के युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना पैदा होगी। माउंट हैरियट का नाम माउंट मणिपुर रखने के संबंध में शाह ने याद करते हुए कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप के विभिन्न पर्वतों के बारे में पढ़ते हुए उन्हें पता चला कि अंग्रेजों के खिलाफ 1891 के एंग्लो मणिपुर युद्ध के दौरान लडऩे के लिए महाराजा कुलचंद्र सिंह को कालापानी भेजा गया था और उन्हें माउंट हैरियट पर रखा गया था। 

उन्होंने कहा कि इसीलिए महाराजा के योगदान के सम्मान में माउंट हैरियट का नाम बदलकर माउंट मणिपुर कर दिया गया। स्वतंत्रता संग्राम में रानी गैदिनल्यू (rani Gaidinliu) के योगदान की चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि पूरे देश ने उन्हें रानी के रूप में उनके योगदान का सम्मान करते हुए जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम देश के विभिन्न हिस्सों में हुए विभिन्न विद्रोहों और बगावतों के बिना अधूरा होता। 

केंद्रीय गृह मंत्री ने पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के पीछे तीन उद्देश्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इसके तहत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्रता सेनानी के योगदान को याद करते हुए प्रत्येक नागरिक में एक राष्ट्रवाद की भावना को विकसित करने में योगदान करने के लिए एक भावना को आत्मसात करना तथा देश के स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरा होने पर देश व भारत को सबसे विकसित देशों में से एक बनाना है।