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अब तक छत्तीसगढ़ की राज्यपाल का पद संभाल रहीं मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा की बेटी अनुसुइया उइके अब मणिपुर की गवर्नर होंगी। महाशिवरात्रि का पर्व छिंदवाड़ा में मनाने के बाद वे नए राज्य की कमान संभालेंगी। रविवार को जारी हुई 13 राज्यपालों की सूची में उन्हें पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है।
अनुसुइया उइके ने जुलाई 2019 में पहली बार छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। छत्तीसगढ़ में उनका कार्यकाल करीब पौने चार साल का रहा। वर्ष 2024 तक वे छत्तीसगढ़ की गवर्नर रह सकती थीं। इससे पहले ही उन्हें मणिपुर की जिम्मेदारी दे दी गई है।
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छत्तीसगढ़ की राज्यपाल रहते हुए उइके का अपने गृह जिले से लगातार जुड़ाव बना रहा। राज्यपाल रहते हुए वे हर खास मौके पर अपनों के बीच पहुंची। अब नई जिम्मेदारी संभालने से पहले भी वे छिंदवाड़ा आ रही हैं। 16 फरवरी को वे छिंदवाड़ा आएंगी। महाशिवरात्रि का पर्व यहां मनाकर वे 19 फरवरी को छत्तीसगढ़ लौटेंगी। वहां से मणिपुर राज्य की कमान संभालने रवाना होंगी।
छत्तीसगढ़ में राज्यपाल के पद पर रहते हुए अनुसुइया उइके प्रदेश की कांग्रेस सरकार के साथ टकराव के चलते लगातार चर्चा में रहीं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित आरक्षण संशोधन विधेयक को उन्होंने मंजूरी नहीं दी। इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ लगातार हमलावर रहे। कांग्रेस ने उन पर राजभवन के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया।
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अनुसुइया उइके ने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरूआत कर दी थी। कॉलेज छात्रसंघ में पदाधिकारी निर्वाचित हुई थीं। असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर उन्होंने शासकीय सेवा भी की। जबकि वर्ष 1985 में पहली बार दमुआ से विधायक चुनी गई। वे मंत्री, राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रह चुकी हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष रहते उन्हें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई थी।
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