चुनाव आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को कहा है कि मणिपुर में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in Manipur) से पहले राजनीतिक दलों और सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की गई है. इस दौरान एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है. मणिपुर में पहली बार अनुपस्थित मतदाताओं के लिए चुनाव के दौरान पोस्टल बैलेट सुविधा का विकल्प प्रदान किया जाएगा, जिसमें 80 साल से अधिक के वरिष्ठ नागरिक, पीडब्ल्यूडी मतदाता और COVID-19 संदिग्ध या प्रभावित व्यक्ति शामिल हैं.

इस साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं. कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. यही वजह है कि चुनाव आयोग भी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है. उसने अभी हाल ही में पांचों राज्यों में कोविड-19 के हालात का आकलन करने के बाद कोविड टीकाकरण अभियान को तेज करने करने के लिए कहा है. साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए सभी लोगों को दोनों वैक्सीन के डोज लगाए गए हों.

सूत्रों ने बताया था कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब के मुख्य सचिवों को लिखे हालिया पत्र में आयोग ने पांचों राज्यों को यह भी याद दिलाया था कि मतदान कर्मी अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों में आते हैं और उन्हें कोविड टीके की तीसरी या अतिरिक्त खुराक दी जा सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कुछ दिन पहले यह बात कही थी.

पत्र के हवाले से सूत्रों ने बताया था कि आयोग ने कहा कि इन राज्यों में जिन चुनाव कर्मियों को तैनात किया जाता है उन्हें कोविड टीके की दोनों खुराक लगी होनी चाहिए और जो दूसरी खुराक के पात्र हों, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दूसरी खुराक लगवानी चाहिए. उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा, वहीं गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभाओं के कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त होने वाले हैं. आयोग इस महीने के पहले पखवाड़े में पांच राज्यों में चुनावों की तारीख का ऐलान कर सकता है.

आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ 27 दिसंबर को पांचों राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति का जायजा लिया था और सरकार से इन राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम तेज करने को कहा था. उसने कहा था कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर में ऐसे लोगों की संख्या का प्रतिशत अब भी कम है जिन्होंने टीके की पहली खुराक लगवा ली है, वहीं उत्तराखंड और गोवा में यह शत-प्रतिशत के करीब है. आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से इन पांच राज्यों में पात्र लोगों को टीके की दूसरी खुराक लगवाने की प्रक्रिया तेज करने को कहा था.