इंफाल। मणिपुर के लोगों ने महाराज गंभीर सिंह (Maharaj Gambhir Singh) की 188वीं पुण्यतिथि पर रविवार को यहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कांचीपुर में राज्य कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा महाराज गंभीर सिंह समाधि परिसर में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। इसमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह मुख्य (Chief Minister N Biren Singh Chief) अतिथि के रूप में शामिल हुए। 

मुख्यमंत्री ने दिवंगत महाराज के स्मारक और चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर सभा का नेतृत्व किया। महाराज गंभीर सिंह ने 1826 में बर्मा (अब म्यांमार) शासन के खिलाफ युद्ध का नेतृत्व किया था। उल्लेखनीय है कि बर्मा का मणिपुर पर सात साल तक कब्जा रहा और 1826 में राजा गंभीर ने मणिपुर को आजाद कराया था। मातृभूमि के लिए युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले महाराज गंभीर सिंह और सभी लोगों के सम्मान में मणिपुर राइफल्स की एक टुकड़ी ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया और तोपों की सलामी दी। 

मुख्यमंत्री ने महाराज गंभीर सिंह, मीडिंगु नरसिंह और सना हेराचंद्र की प्रतिमाओं पर भी पुष्प अर्पित किए। बाद में उन्होंने तर्पण किया और धोप पाला में माथा टेका। उन्होंने कहा कि मौजूदा पीड़ी को उन पूर्वजों के आदर्शों का अध्ययन करने की जरूरत है, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दी। सिंह ने राज्य में आगामी 27 फरवरी और तीन मार्च को होने वाले विधानसभा चुनावों के संबंध में लोगों से शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की भी अपील की। 

उन्होंने कहा कि मणिपुर ने अतीत में हिंसा और अशांति को देखा। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे हिंसा में शामिल न हों और लोगों को विभाजित करने वाली राजनीति से बचें। इस बीच यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के पूर्व अध्यक्ष आरके मेघन ने भी महाराज को पुष्पांजलि अर्पित की।