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मणिपुर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) 'निर्भीक' थुनाओजम बृंदा ने अपना वीरता पुरस्कार लौटा दिया है। विशेष नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडी एंड पीएस) कोर्ट ने 51 वर्षीय भाजपा नेता और चंदेल स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) के पूर्व अध्यक्ष लुहुकौसी ज़ो और छह अन्य को बहु-करोड़ के ड्रग जब्ती मामले में कोर्ट ने तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है, जो वर्तमान में साजीवा सेंट्रल जेल में बंद हैं। माननीय एनडी एंड पीएस कोर्ट द्वारा जांच और अभियोजन को असंतोषजनक माना गया है।
बृंदा ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को लिखे अपने पत्र में कहा कि कोर्ट के द्वारा भापजा नेता और उसके साथियों के रिहा करने का मतलब की मेरे द्वारा की गई इनवेस्टीगेशन सही नहीं है इसलिए मैं खुद को वीरता पुरस्कार सम्मान के योग्य नहीं मानता... इसलिए, मैं राज्य गृह विभाग को समान (वीरता पुरस्कार) लौटाता हूं, ताकि इसे अधिक योग्य और वफादार पुलिस अधिकारी को दिया जा सके। जानकारी के लिए बता दें कि 18 जून, 2018 को, थ्री बृंदा, जो उस समय बार्डर एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर (NAB) के साथ एएसपी के रूप में तैनात थे।
इन्होंने चंदेल एडीसी के चेयरमैन झुखोसी ज़ू के आधिकारिक आवास पर छापा मारा इम्फाल पश्चिम में और करोड़ों रुपये मूल्य के कंट्राबंड बरामद किए। भाजपा नेता के सरकारी आवास से छापेमारी के दौरान 27 करोड़ रुपये के 28 किलोग्राम याबा टैबलेट और 57,18,000 रुपये नकद भी बरामद किए गए। इसी मामले में थुनाओजम बृंदा को 13 अगस्त, 2018 को मुख्यमंत्री पुलिस पदक के लिए सम्मानित किया गया था।
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