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नई दिल्ली। पंजाब पुलिस ने कट्टरपंथी और खालिस्तान की मांग करने वाले अमृतपाल सिंह के 5 और साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अब तक कुल 78 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। अमृतपाल को जल्लुपुर खेड़ा गांव में गुरुद्वारा साहिब में घेर लिया गया है। इस गांव के चारों ओर से भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। अब किसी भी समय वो गिरफ्तार हो सकता सकता है। इस बीच पंजाब के 12 जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर रविवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट/एसएमएस सेवाएं बंद कर दी गई हैं। आधा दर्जन जिलों में धारा-144 लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि अमृतपाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन वह चकमा देकर फरार हो गया। उसे पीछे पुलिस का काफिला लगा और घेराबंदी की गई।
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8 जिलों की पुलिस पड़ी है पीछे
शनिवार को पंजाब के आठ जिलों की पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन चलाया। इससे पहले पुलिस ने इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया। फिर अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर अमृतसर जिले में स्थित अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा की घेराबंदी की, लेकिन वह भाग निकला।
पुलिस ने 70 गाड़ियों से किया पीछा
पुलिस ने जालंधर के पास नाकाबंदी कर अमृतपाल की गाड़ियों को रोका पर वह यहां भी चकमा देकर फरार हो गए। पुलिस ने यहां अमृतपाल के पांच समर्थकों को काबू कर लिया। इसके बाद पुलिस की 70 गाडिय़ों ने अमृतपाल का पीछा शुरू किया और पांच घंटे के ऑपरेशन के बाद उन्हें नकोदर से अरेस्ट कर लिया लेकिन वह चकमा देकर फरार हो गया। पिछले महीने अमृतपाल और उनके समर्थक अपने साथी को छुड़ाने के लिए तलवारें और पिस्तौल लहराते हुए अजनाला थाने में घुस गए थे। उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। घटना में छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे। उनकी गिरफ्तारी इसी मामले में दर्ज केस में की गई है।
असलहे बरामद
पंजाब पुलिस ने बताया कि अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई अन्य को हिरासत में लिया गया है। पंजाब में अभियान के दौरान अब तक एक 0.315 बोर की राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवाल्वर और विभिन्न कैलिबर के 373 जिंदा कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं। वारिस पंजाब दे तत्व 4 आपराधिक मामलों में शामिल हैं जो वर्गों के बीच असामंजस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के कर्तव्यों के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित हैं। अजनाला पुलिस पर हमले के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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पंजाब में चलाई कट्टरपंथी मुहिम
वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल ने पंजाब में खालसा मार्च निकालने का ऐलान किया हुआ था। वह पिछले कई महीनों से पंजाब में सक्रिय हैं। उनके खिलाफ पंजाब में तीन केस दर्ज हैं। अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर जिले के गांव जल्लूखेड़ा के रहने वाले हैं। करीब दस बरसों के बाद पिछले साल वह दुबई से लौटे थे। यहां उन्होंने खुद को जरनैल सिंह भिंडरावाला के पैरोकार के रूप में पेश किया। अमृतपाल कुछ ही महीनों के भीतर वारिस पंजाब दे संगठन के मुखी के रूप में उभरे। अमृतपाल ने पंजाब के कई जिलों में घूमकर युवाओं को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार शुरू कर दिया। उन्हें खालिस्तानी समर्थक माना जाता है।
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