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ऑटोमेशन यानी मशीनीकरण की वजह से पहले से कम हो चुकी नौकिरियों को लेकर एक और बुरी खबर आई है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल हुए लॉकडाउन के दौरान भारत समेत दुनिया में लाखों कंपनियां बंद हो गईं। Covid-19 के झटके से लोग अभी तक उबर नहीं पाये हैं। इस बुरे दौर के बीच वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में एक बार फिर डरावनी स्थिति का अनुमान लगाया गया है। जिसके तहत अगले चार साल यानी 2025 तक हर 10 में से 6 लोगों को नौकरी गंवानी पड़ सकती है।
रोजगार में होने वाली इस इस कमी की वजह के बारे में बहुत से लोग पहले से जानते होंगे। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल से पहले ही मशीनों की वजह से हजारों नौकरियां कम हो चुकी थीं। इसके बाद कोविड-19 की वजह से मशीनों के इस्तेमाल में बेहद तेजी आई है। इस वजह से एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग के इस दौर में लोगों को बड़े पैमाने पर अपनी जॉब से हाथ धोन पड़ेगा। आपको बता दें कि यह रिपोर्ट 19 देशों में प्राइस वाटर हाउस कूपर कंपनी में काम करने वाले 32,000 कर्मियों पर हुए शोध के बाद सामने आई है।
सर्वे में शामिल हुए 40% कर्मचारियों को डर लग रहा है कि वो कुछ साल में अपनी नौकरी गवां देंगे। वहीं, 56% लोगों का ये भी मानना है कि वो भविष्य में भी लंबे समय तक के लिए रोजगार के विकल्प हासिल कर पाएंगे। इसी दौरान 60% से ज्यादा लोगों ने सरकार से नौकरी सुरक्षित रखने के लिए अपील की।
रिपोर्ट के मुताबिक, 80% कर्मी खुद को नई तकनीक के अनुकूल बनाते हुए यानी खुद के स्किल डेवलपमेंट पर काम कर रहे हैं। हजारों लोग नई तकनीति के बारे में जानने को लेकर आश्वस्त हैं। वहीं पिछले साल की WEF की रिपोर्ट में कहा गया था कि मशीनों और आर्टिफिशियल इनटेलिजेंस (AI) पर बढ़ी निर्भरता की वजह से करीब साढ़े 8 करोड़ नौकरियों के नुकसान का पूर्वानुमान जताया गया था। अब साल 2025 तक के लिए सामने आए इस सबसे चौकाने वाले पूर्वानुमान ने नौकरी पेशा लोगों की चिंता जरूर बढ़ा दी है।
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